मुजफ्फरनगर में खुब्बापुर थप्पड़ कांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होगी। पिछली बार कोर्ट ने पीड़ित छात्र की ड्रेस, कोर्स, फीस और परिवहन खर्च की नियमित व्यवस्था करने के आदेश दिए थे, जिनका बेसिक शिक्षा विभाग ने पालन करते हुए छात्र की जरूरत की चीजें उसे दिलवा दी है। स्कूल की फीस भी दे दी गई है।
शाहपुर ब्लॉक के गांव खुब्बापुर स्थित नेहा पब्लिक स्कूल में एक शिक्षिका ने अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र की पहाड़ा ना सुनाने पर उसके सहपाठियों से थप्पड़ लगवाए थे। जिसकी वीडियो वायरल होने के बाद और मामले ने तूल पकड़ लिया था। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, जिसकी शुक्रवार को सुनवाई होगी।जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शुभम शुक्ला ने बताया कि पीड़ित छात्र को कक्षा तीन का कोर्स, ड्रेस, जूते, स्कूल फीस और परिवहन खर्च दे दिया है। शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में मामले की सुनवाई होगी। उन्होंने कहा कि संभवतः वह भी कोर्ट में पहुंचेंगे। जो भी न्यायालय का आदेश होगा, उसका पालन किया जाएगा।
बीएसए ने बताया कि छात्र नए सत्र 2024-25 में कक्षा तीन में आया है, जिसके लिए नई किताबें भी छात्र को दिला दी गई हैं। इसकी पूरी रिपोर्ट प्रेषित की जाएगी। हालांकि, अभी तक एनजीओ की व्यवस्था नहीं हो सकी है। एनजीओ मिलते ही कोर्ट में उसका बायोडाटा भी पेश करना होगा। उन्होंने कहा कि पीड़ित छात्र शहर के ही शारदेन स्कूल में कक्षा तीन में पढ़ाई कर रहा है।
यह था पूरा मामला
खुब्बापुर गांव के स्कूल में शिक्षिका तृप्ता त्यागी ने पांच का पहाड़ा नहीं सुनाने पर अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र की सहपाठियों से पिटाई करा दी थी। इसी दौरान जातीय टिप्पणी का भी आरोप है। प्रकरण के दौरान पीड़ित छात्र के चचेरे भाई ने वीडियो बना लिया। वीडियो के वायरल होते ही शिक्षिका की गिरफ्तारी करने की मांग उठने लगी। शिक्षिका पर एफआईआर दर्ज हो गई थी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते तुषार गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसकी सुनवाई आज होगी।