गांव शाहडब्बर का लाल सचिन राठी कन्नौज में बदमाशों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हो गया। सचिन राठी के बलिदान से परिवार व गांव शोक में डूबा है। शहीद के घर पर सांत्वना देने वाले ग्रामीणों व नेताओं का तांता लगा है। शहीद का परिवार बेटे के पार्थिव शरीर को लेने के लिए कन्नौजपहुंचा और मंगलवार देर रात पार्थिव शरीर के साथ वापस पैतृक गांव पहुंचा। कई घरों में शाम के समय चूल्हा भी नहीं जला।
बुधवार को शहीद सिपाही सचिन राठी का गांव में सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी और एसएसपी संजीव सुमन ने कांधा दिया। परिवार की हिम्मत बढ़ाई।
बुधवार सुबह गांव के श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया। बड़े भाई ने मुखाग्नि दी। केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान, पूर्व मंत्री योगराज सिंह, पूर्व विधायक उमेश मलिक अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंचे। सिपाही के पिता शिव कुमार राठी की हिम्मत बढ़ाई।
मंगलवार को सचिन राठी के शहीद होने की खबर मिलते ही गांव शोक में डूब गया। सचिन राठी 2019 में पुलिस में भर्ती हुआ था। कन्नौज के विष्णुगढ़ थाने में उसकी तैनाती थी। बदमाशों के साथ मुठभेड़ में गोली लगने से उपचार के दौरान कानपुर चिकित्सालय में उसने अंतिम सांस ली।
सचिन राठी के पिता वेदपाल गांव में खेती तथा बुढ़ाना में प्रोपर्टी डीलर का कार्य करते हैं। मां गीता गृहिणी हैं। उसका बड़ा भाई जतिन पहले खेती में अपने पिता का हाथ बंटाता था। अब वह मेरठ-करनाल हाईवे पर टोल प्लाजा पर नौकरी करता है। छोटी बहन अंशु माता-पिता के साथ गांव में रहती है। सचिन व उसके भाई बहन की अभी तक शादी नहीं हुई है।
वेदपाल के परिवार के अधिवक्ता बाबू सिंह राठी व अशोक राठी ने बताया कि पुलिस की नौकरी कर रहे सचिन राठी की महिला पुलिसकर्मी के साथ फरवरी में शादी होनी थी। घटना की सूचना मिलने के बाद से ग्रामीणों तथा विभिन्न दलों के नेताओं का शहीद सिपाही के घर पर तांता लगा हुआ है।