मुजफ्फरनगर: छात्र को सहपाठियों से पिटवाने में शिक्षिका की बढ़ीं मुश्किलें

मुजफ्फरनगर में नाबालिग छात्र को सहपाठियों से पिटवाने के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। जिससे थाना मंसूरपुर के खुब्बापुर गांव के नेहा पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या तृप्ता त्यागी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। पुलिस ने एनसीआर को मुकदमे में तरमीम कर धारा बढ़ा दी है।

पहले शिक्षका के विरुद्ध धारा-323 और 504 में एनसीआर काटी गई थी, लेकिन अब पुलिस ने किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 भी लगा दी है। इसके बाद मामले की गहनता से छानबीन शुरू की गई है। वीडियो के साथ उसे वायरल करने के आरोपी की छानबीन भी चल रही है।

तृप्ता त्यागी के विरुद्ध पहले एनसीआर हुई थी दर्ज
सीओ खतौली डा. रविशंकर ने बताया, कि खुब्बापुर में नाबालगि छात्र को सहपाठियों से पिटवाने की वायरल वीडियो के बाद जांच-पड़ताल की गई थी। जिसमें छात्र के पिता की तहरीर पर शिक्षिका एवं नेहा पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या तृप्ता त्यागी के विरुद्ध एनसीआर दर्ज की थी। मामले ने तूल पकड़ा तो यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बन गया था। कांग्रेस के शीर्षक नेताओं, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अलावा रालोद अध्यक्ष जयन्त चौधरी ने भी ट्वीट कर प्रकरण पर प्रतिक्रिया दी थी।

इसके बाद खुब्बापुर में नेताओं का जमावड़ा लग गया। मंसूरपुर पुलिस मामले की छानबीन में लगी है। पुलिस ने शिक्षिका के विरुद्ध दर्ज एनसीआर को मुकदमे में परिवर्तित किया है। सीओ ने बताया, कि मुकदमे में किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 को जोड़ा गया है। मुकदमा दर्ज होने के बाद शिक्षिका की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

सात वर्ष से कम सजा का प्राविधान
शिक्षिका के विरुद्ध दर्ज किए गए मुकदमे में सात वर्ष से कम सजा का प्राविधान है। इसके चलते पुलिस शिक्षिका को त्वरित गिरफ्तार नहीं कर सकती है। इस धारा के तहत जो कोई बालक का वास्तविक भारसाधन या अनावश्यक मानसिक, शारीरिक कष्ट के साथ उसका उत्पीड़न करेगा। जानबूझकर उसकी उपेक्षा करेगा या उस पर हमला करेगा। इस स्थिति में आरोपी पर कार्रवाई होगी। इसमें सजा की अवधि तीन वर्ष तक की हो सकती है। वहीं, लाख रुपये तक जुर्माना या सजा-जुर्माना दोनों का दंड मिल सकता है।

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