कश्मीर पर मेरे लेख में मेरे शब्द नहीं, बल्कि संसदीय रिकॉर्ड है: किरेन रिजिजू

केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू गुरुवार को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग दौरे पर पहुंचे। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कश्मीर पर लिखे उनके लेख में उनके शब्द नहीं, बल्कि ये पंडित जवाहर लाल नेहरू के संसदीय रिकॉर्ड और उस समय से सरकारी आदान-प्रदान से लिए गए शब्द हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि 70 से अधिक वर्षों तक सच्चाई को छुपाया गया। उन्होंने इसे लोगों के सामने लाया है, क्योंकि इतिहास को बदला नहीं जा सकता।

आगे केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘इतिहास को उसके वास्तविक रूप में प्रस्तुत किया जाना चाहिए, न कि किसी की राय के रूप में। इसलिए, मैंने कश्मीर के इतिहास को बताया है, जिसे दबा दिया गया था। क्योंकि, कश्मीर के लोगों ने बहुत उत्पीड़न और कठिनाइयों का सामना किया है। समय आ गया है कि इसे दुरुस्त किया जाए, उन्हें स्नेह चाहिए।’

अदालतों को मजबूत करना सरकार का कर्तव्य
वहीं, किरेन रिजिजू ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि कोई भी अपराध, उसके पीछे अपराधी कोई भी हो, कानून को उससे सख्ती से निपटना चाहिए। इसके लिए अदालतें हैं, वे कार्रवाई करेंगी। अदालतों को मजबूत करना सरकार का कर्तव्य है। सभी अदालतें एकजुट हैं और वे चाहते हैं कि देश का कानून का राज मजबूत हो।

जघन्य अपराधों  की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों का प्रावधान
उन्होंने यह भी कहा, ‘हमने देश में जघन्य अपराधों- बलात्कार, बच्चों की हत्या और महिलाओं के खिलाफ अपराधों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों का प्रावधान किया है। हमने पॉक्सो एक्ट के तहत फास्ट ट्रैक कोर्ट और फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट का रोडमैप बनाया। 2018 में हम क्रिमिनल अमेंडमेंट बिल लेकर आए हैं।’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here