नाम सम्मेलन: जयशंकर ने गाजा में मानवीय कानून के सम्मान का किया आह्वान

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गाजा में मानवीय संकट के स्थायी समाधान की आवश्यकता पर जोर देते हुए इस्राइल-हमास के बीच संघर्ष को गंभीर मुद्दा बताया। युगांडा की राजधानी कंपाला में 19वें गुटनिरपेक्ष आंदोलन (नाम) के शिखर सम्मेलन में जयशंकर ने कहा कि ऐसे संघर्ष चल रहे हैं जिनका असर दूर-दूर तक महसूस किया जा रहा है। गाजा, विशेष तौर पर हमारी चिंता के केंद्र में है। इस मानवीय संकट के लिए एक स्थायी समाधान की आवश्यकता है, जो सबसे अधिक प्रभावित लोगों को तत्काल राहत दे। लेकिन हमें यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि आतंकवाद और लोगों को बंधक बनाना अस्वीकार्य है।

साथ ही जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों के सम्मान के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का हमेशा सम्मान करना चाहिए। जयशंकर ने कहा कि गाजा संघर्ष को और बढ़ने से रोकना बहुत जरूरी है। दो-राष्ट्र समाधान (इस्राइल-फलस्तीन) पर भारत के रुख को दोहराते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि अंतिम निष्कर्ष के लिए हमें दो-राष्ट्र समाधान की दिशा में कार्य करना चाहिए, जहां फलस्तीनी लोग सुरक्षित सीमाओं के भीतर रह सकें। हमारे सामूहिक प्रयासों को इसे साकार करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

असमानता और वर्चस्व के नए रूपों से जूझ रही दुनिया

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि दुनिया इस समय असमानता और वर्चस्व के नए रूपों से जूझ रही है। विश्व में अब एक नहीं, बहुध्रुवीय व्यवस्था की जरूरत है जिसके मूल में पुनर्गठित संयुक्त राष्ट्र हो। जयशंकर ने वसुधैव कुटंबकम यानी दुनिया को एक परिवार मानने वाले भारत के प्राचीन विश्वास से प्रेरित दृष्टिकोण सम्मेलन में प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा, 2019 में बाकू में हुए नाम की बैठक के बाद से दुनिया बहुत बदल गई है। कोविड महामारी ने हम सभी को तबाह कर दिया है जिसके घाव भरने में पीढ़ियां लग जाएंगी।

जलवायु परिवर्तन की स्थिति तेजी से बिगड़ रही
विदेश मंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की स्थिति तेजी से और नियमित रूप से और खराब हो रही है। कर्ज, मुद्रास्फीति और विकास की चुनौतियों की तिकड़ी भी विकास पर भारी पड़ती है। इन गंभीर चिंताओं को ध्यान में रखते हुए जयशंकर ने कहा, यह उस दुनिया की प्रकृति है जिसका हम सामना करते हैं।

कई नेताओं से की मुलाकात
शिखर सम्मेलन से इतर जयशंकर ने नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कुमार दहल उर्फ प्रचंड से मुलाकात। उन्होंने बोलीविया, अजरबैजान और वेनेजुएला के अपने समकक्षों के साथ भी बैठकें की। इन बैठकों के दौरान द्विपक्षीय के साथ ही वैश्विक और क्षेत्रीय महत्व के मुद्दों पर चर्चा हुई।

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