अगले माह नौसेना को अमेरिका से मिलेंगे तीन ‘खूंखार शिकारी’ हेलीकॉप्टर

नई दिल्ली: भारतीय नौसेना को अपना सबसे कारगर हथियार अगले महीने मिल जाएगा. तीन MH-60 Romeo हेलीकॉप्टर जुलाई में अमेरिका में भारतीय नौसेना को सौंप दिए जाएंगे. नौसेना की एक टीम अमेरिका में है और रोमियो हेलीकॉप्टर की उसकी शुरुआती ट्रेनिंग शुरू हो चुकी है. इन तीनों हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल इस टीम की ट्रेनिंग के लिए किया जाएगा. 

2023 तक मिल जाएंगे सभी हेलीकॉप्टर

रोमियो हेलीकॉप्टर की अगली खेप नवंबर में भारतीय नौसेना को सौंपी जाएगी. ये भी अमेरिका में ही नौसेना को सौंपे जाएंगे और इनको भी ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. हेलीकॉप्टरों की तीसरी खेप अगले साल जून-जुलाई में भारत में नौसेना को दी जाएगी. 2023 तक सभी 24 हेलीकॉप्टर भारतीय नौसेना को मिल जाएंगे. 

अमेरिका में चल रही ट्रेनिंग

भारतीय नौसेना के लगभग 20 अफसरों और टेक्निशियनों की टीम अमेरिका में है जिनको जून की शुरुआत से नए हेलीकॉप्टर को उड़ाने, हथियारों और सिस्टमों पर काम करने और रखरखाव की ट्रेनिंग दी जा रही है. 24 रोमियो हेलीकॉप्टरों का सौदा भारत ने 2020 में लगभग 16000 करोड़ रुपए में किया था. रोमियो हेलीकॉप्टर का इंतज़ार भारतीय नौसेना बड़ी बेसब्री से कर रही है क्योंकि उसे अपने पुराने पड़ चुके सी किंग हेलीकॉप्टरों को रिटायर करना है.

मल्टी रोल हेलीकॉप्टर है रोमियो

रोमियो हेलीकॉप्टर एक मल्टी रोल हेलीकॉप्टर है. इसके जरिए किसी जहाज़ पर हमला किया जा सकता है, सबमरीन को तलाश कर उसे तबाह किया जा सकता है, राहत और बचाव का काम किया जा सकता है या समुद्र में टोह लेने का काम किया जा सकता है. इसके जरिए हवा से सतह पर मार करने वाली हेलफ़ायर मिसाइलें दागी जा सकती हैं.

हर तरह के जंगी जहाज पर हो सकता है तैनात 

भारत के चारों तरफ समुद्र है और यहां चीन का सबमरीन कई बार देखी गई हैं. इन सबमरीन के खिलाफ रोमियो हेलीकॉप्टर एक कारगर हथियार साबित होगा, अमेरिकी नौसेना में भी इसका इस्तेमाल सबमरीन हंटर के तौर पर किया जाता है. इस हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल हर तरह जंगी जहाज जैसे एयरक्राफ्ट कैरियर, डिस्ट्रायर या फ्रिगेट से किया जा सकता है.

ऑस्ट्रेलिया-अमेरिका-जापान की नेवी के साथ गठजोड़

रोमियो हेलीकॉप्टर जैसे नए एयरक्राफ्ट भविष्य में चीन के ख़िलाफ एक साझा मोर्चा बनाने में काफ़ी मददगार होंगे. चीन की समुद्र में बढ़ती दखलअंदाजी के खिलाफ अमेरिका, भारत, जापान और आस्ट्रेलिया एक साझा नौसैनिक ताकत बना रहे हैं. इस तरह की साझा नौसैनिक कार्रवाई में एक जैसे हथियारों का होना कार्रवाई में तालमेल को बहुत आसान और कारगर बना देता है. रोमियो हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल अमेरिका, आस्ट्रेलिया और जापान तीनों ही करते हैं. इसका अर्थ ये है कि एक रोमियो हेलीकॉप्टर किसी भारतीय जहाज़ से टेक ऑफ करके किसी कार्रवाई के बारे में मदद किसी अमेरिकी जहाज से ले सकता है और कार्रवाई के बाद अपने पास के किसी आस्ट्रेलियन जहाज पर लैंड कर सकता है. 

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