कोविड से प्रभावित बच्चों की मदद, निगरानी जारी रखने की जरूरत : जस्टिस रवींद्र भट

नयी दिल्ली। शीर्ष अदालत के न्यायाधीश और उच्चतम न्यायालय किशोर न्याय समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट्ट ने कोविड-19 महामारी से प्रभावित बच्चों की मदद और निगरानी जारी रखने की जरूरत पर जोर दिया है। साथ ही, उन्होंने इन बच्चों के लिए ऐसे उपाय करने को कहा है जो भविष्य में इस तरह के प्रभावों को घटा सके।

न्यायमूर्ति भट्ट ने बच्चों के संरक्षण के लिए समिति द्वारा आयोजित एक समीक्षा बैठक के दौरान ये टिप्पणियां कीं। बैठक का आयोजन 18 दिसंबर को किशोर न्याय अधिनियम और यौन अपराध रोकथाम अधिनियम के क्रियान्वयन का जायजा लेने के लिए भी किया गया था।

बैठक में बच्चों की देखभाल और संरक्षण पर ध्यान केंद्रित किया गया, विशेष रूप से उन बच्चों की जो अनाथ, बेसहारा हैं या जिनके परिवार उनकी मदद नहीं करते।

समिति के बयान के मुताबिक न्यायमूर्ति भट्ट ने कहा कि यौन शोषण से पीड़ित बच्चों पर मानसिक स्वास्थ्य प्रभाव के मुद्दे और कानून का सामना करने वाले बच्चों के पुनर्वास पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है।

उन्होंने बुनियादी ढांचा और प्रणाली विकसित करने की जरूरत पर जोर दिया जो कानूनी कार्यवाही खत्म होने के बाद इन बच्चों की मदद कर सके।

उन्होंने राज्यों से प्रत्येक बच्चे की जरूरत, पृष्ठभूमि, हालात और परिपक्वता के स्तर के अनुरूप ‘बाल हितैषी, लैंगिक रूप से संवेदनशील, सदमा कम करने वाली और परिप्रेक्ष्य अनुकूल न्याय एवं सामाजिक सेवाएं मुहैया करने का अनुरोध किया।

न्यायमूति भट्ट ने विशेष रूप से अपने परिवार के साथ फिर से रहना शुरू कर चुके बच्चों के लिए निगरानी प्रणाली को मजबूत करने तथा पर्याप्त व्यक्तिगत देखभाल योजना की जरूरत सहित कुछ प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को भी रेखांकित किया।

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