नई शिक्षा नीति: PM मोदी ने कहा- हमें अपने स्टूडेंट्स को 21वीं सदी की स्किल्स के साथ आगे बढ़ाना है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शुक्रवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत ’21वीं सदी में स्कूली शिक्षा’ सम्मेलन को संबोधित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में कहा, शिक्षा मंत्रालय दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है, जो गुरुवार से शिक्षा पर्व के रूप में शुरू हुआ है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के तहत ‘21वीं सदी में स्कूली शिक्षा’ विषय पर एक कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम सभी एक ऐसे क्षण का हिस्सा बन रहे हैं, जो हमारे देश के भविष्य निर्माण की नींव डाल रहा है, जिसमें नए युग के निर्माण के बीज पड़े हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति 21वीं सदी के भारत को नई दिशा देने वाली है। पिछले तीन दशकों में दुनिया का हर क्षेत्र बदल गया, हर व्यवस्था बदल गई। इन 3 दशकों में हमारे जीवन का शायद ही कोई पक्ष हो जो पहले जैसा हो। लेकिन वो मार्ग, जिस पर चलते हुए समाज भविष्य की तरफ बढ़ता है, हमारी शिक्षा व्यवस्था, वो अब भी पुराने ढर्रे पर ही चल रही थी।

पीएम मोदी ने कहीं ये बातें-

  • कुछ दिन पहले शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के बारे में देश भर के टीचर्स से MyGov पर उनके सुझाव मांगे थे. एक सप्ताह के भीतर ही 15 लाख से ज्यादा सुझाव मिले हैं. ये सुझाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति को और ज्यादा प्रभावी तरीके से लागू करने में मदद करेंगे.
  • बच्चों में Mathematical Thinking और Scientific Temperament विकसित हो, ये बहुत आवश्यक है. और Mathematical Thinking का मतलब केवल यही नहीं है कि बच्चे Mathematics के प्रॉब्लम ही सॉल्व करें, बल्कि ये सोचने का एक तरीका है.
  • जब शिक्षा को आस-पास के परिवेश से जोड़ दिया जाता है तो, उसका प्रभाव विद्यार्थी के पूरे जीवन पर पड़ता है, पूरे समाज पर भी पड़ता है.

नए तौर-तरीकों को बढ़ाना होगा

  • हमें आसान और नए-नए तौर-तरीकों को बढ़ाना होगा. हमारे ये प्रयोग, New Age Learning का मूलमंत्र होना चाहिए- Engage, Explore, Experience, Express और Excel.
  • हमारे देश भर में हर क्षेत्र की अपनी कुछ न कुछ खूबी है, कोई न कोई पारंपरिक कला, कारीगरी, products हर जगह के मशहूर हैं. स्टूडेंट्स उन करघों, हथकरघों में Visit करें, देखें आखिर ये कपड़े बनते कैसे हैं? स्कूल में भी ऐसे Skilled लोगों को बुलाया जा सकता है.
  • कितने ही प्रोफेशन हैं जिनके लिए Deep Skills की जरूरत होती है, लेकिन हम उन्हें महत्व ही नहीं देते. अगर Students इन्हें देखेंगे तो एक तरह का भावनात्मक जुड़ाव होगा, उनकी Respect करेंगे. हो सकता है बड़े होकर इनमें से कई बच्चे ऐसे ही उद्योगों से जुड़ें, उन्हें आगे बढ़ाएं.

NEP को इस तरह किया गया तैयार 

  • NEP को इसी तरह तैयार किया गया है ताकि Syllabus को कम किया जा सके और Fundamental चीज़ों पर ध्यान केन्द्रित किया जा सके. लर्निंग को Integrated एवं Inter-Disciplinary, Fun Based और Complete Experience बनाने के लिए एक National Curriculum Framework Develop किया जायेगा.
  • हमें अपने Students को 21st Century की Skills के साथ आगे बढ़ाना है. ये 21St Century की Skills क्या होंगी? ये होंगी: -Critical Thinking -Creativity -Collaboration -Curiosity -Communication.
  • हमारी पहले की जो शिक्षा नीति रही है, उसने हमारे Students को बहुत बांध भी दिया था. जो विद्यार्थी Science लेता है वो Arts या Commerce नहीं पढ़ सकता था. Arts-Commerce वालों के लिए मान लिया गया कि ये History, Geography, Accounts इसलिए पढ़ रहे हैं क्योंकि ये साइन्स नहीं पढ़ सकते: PM
  • लेकिन क्या Real World में, हमारे आपके जीवन में ऐसा होता है कि केवल एक ही फील्ड की जानकारी से सारे काम हो जाएं? हकीकत में सभी विषय एक दूसरे से जुड़े हुये हैं. हर Learning Inter-Related है.

मानसिक प्रैशरशीट बन गई मार्क्सशीट

  • Learn तो बच्चे तब भी कर रहे होते हैं जब वो खेल रहे होते हैं, जब वो परिवार में बात कर रहे होते हैं, जब वो बाहर आपके साथ घूमने जाते हैं. लेकिन अक्सर माता-पिता भी बच्चों से ये नहीं पूछते कि क्या सीखा? वो भी यही पूछते हैं कि मार्क्स कितने आए.
  • एक टेस्ट, एक मार्क्सशीट क्या बच्चों के सीखने की, उनके मानसिक विकास की Parameter हो सकती है? आज सच्चाई ये है कि मार्क्सशीट, मानसिक प्रैशरशीट बन गई है.
  • हमें एक वैज्ञानिक बात समझने की जरूरत है कि भाषा शिक्षा का माध्यम है, भाषा ही सारी शिक्षा नहीं है. जिस भी भाषा में बच्चा आसानी से सीख सके, चीजें Learn कर सके, वही भाषा पढ़ाई की भाषा होनी चाहिए. कहीं ऐसा तो नहीं कि विषय से ज्यादा बच्चे की ऊर्जा भाषा को समझने में खप रही है.

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