किसान आंदोलन को फंडिंग करने वाले आतंकी संगठनों की जांच को कनाडा पहुंची एनआईए की टीम

किसान आंदोलन के दौरान खबरें आयी थी कि दिल्ली गणतंत्र दिवल वाली हिंसा के पीछे खालिस्तान का हाथ था जिसके बाद इस पूरे मामले की जांच की जाने लगी थी अब सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) जैसे खालिस्तान के निर्माण का समर्थन करने वाले अलगाववादी संगठनों द्वारा एनजीओ के वित्तपोषण की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम शुक्रवार, 5 नवंबर को कनाडा पहुंची।

इंडिया टूडे की वेबसाइट पर छपी खबर के अनुसार जानकारी है कि एनआईए की तीन सदस्यीय टीम चार दिवसीय दौरे पर इन अलगाववादी संगठनों के विदेशी संस्थाओं के साथ संबंधों की जांच करेगी। टीम का नेतृत्व आईजी स्तर का अधिकारी कर रहा है। 

एनआईए के रडार पर संगठनों में एसएफजे, बब्बर खालसा इंटरनेशनल, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स और खालिस्तान टाइगर फोर्स शामिल हैं। कनाडा, यूके, यूएसए, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और जर्मनी से उनके विदेशी फंडिंग मार्गों की जांच की जाएगी।

इस साल की शुरुआत में, दिल्ली में प्रदर्शनकारी किसानों को भड़काने के लिए, एसएफजे ने गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फहराने वालों के लिए 2.5 लाख अमरीकी डालर के इनाम की घोषणा की थी। एसएफजे के नामित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो में किसानों के विरोध को 1984 के सिख विरोधी दंगों से जोड़ने की कोशिश की थी। 

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