अर्नब गोस्वामी की न्यायिक रिमांड को लेकर पुलिस की याचिका पर नौ को सुनवाई

अलीबागः महाराष्ट्र के अलीबाग जिले में सत्र अदालत अर्नब गोस्वामी की न्यायिक रिमांड को लेकर पुलिस की पुनरीक्षण याचिका पर नौ नवंबर को सुनवाई करेगी। पुलिस ने यह पुनरीक्षण याचिका साल 2018 के आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले में रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक गोस्वामी को पुलिस हिरासत के स्थान पर न्यायिक रिमांड देने के मजिस्ट्रेट के फैसले के खिलाफ दायर की है। अलीबाग की जिला सत्र अदालत को शनिवार को ज्ञात हुआ कि बॉम्बे हाईकोर्ट वर्तमान में गोस्वामी और मामले में अन्य दो आरोपियों (फिरोज शेख और नितेश सारदा) द्वारा दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है। हाईकोर्ट में आरोपियों ने याचिकाएं अंतरिम जमानत की मांग और ‘अवैध गिरफ्तारी’ के खिलाफ दायर की हैं। इसके बाद सत्र अदालत ने यह आदेश जारी किया।
तीनों अभियुक्तों को हिरासत में देने की मांग
उल्लेखनीय है कि पुलिस ने अपने आवेदन में सत्र अदालत से निचली अदालत के आदेश को रद्द करने और तीनों अभियुक्तों को हिरासत में देने की मांग की थी। बता दें कि अर्नब गोस्वामी को 53 वर्षीय इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक को कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में बुधवार की सुबह मुंबई में उनके लोअर परेल स्थित आवास से गिरफ्तार किया गया था।
18 नवंबर तक न्यायिक रिमांड में भेजने का आदेश जारी किया था
गिरफ्तारी के बाद अर्नब गोस्वामी को अलीबाग पुलिस स्टेशन ले जाया गया था। इसके बाद उन्हें मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुनयना पिंगले के सम्मुख पेश किया गया था। बुधवार की देर रात आदेश पारित करते हुए मजिस्ट्रेट सुनयना पिंगले ने तीनों आरोपियों को पुलिस कस्टडी में भेजने से इनकार कर दिया था और 18 नवंबर तक न्यायिक रिमांड में भेजने का आदेश जारी किया था। अलीबाग पुलिस ने पूछताछ के लिए गोस्वामी को 14 दिन के लिए हिरासत में भेजने की मांग की थी। उन्हें फिलहाल अलीबाग जेल के लिए कोविड-19 सेंटर बनाए गए एक स्थानीय स्कूल में रखा गया है। साल 2018 में अन्वय नाइक और उनकी मां कुमोदिनी नाइक ने 2018 में गोस्वामी की कंपनी द्वारा कथित रूप से उनका बकाया भुगतान नहीं किए जाने के कारण आत्महत्या कर ली थी।

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