नीतीश ने नए संसद भवन के साथ नीति आयोग की बैठक को कहा बेमतलब

भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाईटेड में अब हर बात पर तीखी टक्कर हो रही है। राष्ट्रीय जनता दल मैदान में सिर्फ जदयू का साथ देता नजर आ रहा है। संसद के नए भवन में उद्घाटन को लेकर प्रधानमंत्री का विरोध करने के बाद अब जदयू नीति आयोग की बैठक में भी सीधी लड़ाई पर उतर आया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सत्ता में बैठे लोग इस देश का इतिहास बदलने के लिए नया संसद भवन बनाकर खुद उद्घाटन कर रहे हैं, इसलिए इसका मतलब नहीं हे। उन्होंने नीति आयोग की बैठक को भी बेमतलब बताया। वहीं पलटवार करते हुए भाजपा ने कहा कि नीतीश कुमार पीएम नरेंद्र मोदी की नजरों से बचना चाह रहे हैं। वह अगर बैठक में जाते तो उनसे नजर कैसे मिलाते।

नीतीश कुमार बोले-  अलग से नया भवन बनाने का कोई मतलब ही नहीं है
शनिवार सुबह पटना में मीडिया से बातचीत करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि नए संसद भवन की क्या जरूरत थी। आजादी हुई तो जहां से शुरुआत हो गई, उसे ही और विकसित कर देना चाहिए। अलग से नया भवन बनाने का कोई मतलब ही नहीं है। आप क्या इतिहास ही बदल दीजिए। इसे अलग करने की क्या जरूरत थी। पुरानी संसद भवन को ही विकसित करना चाहिए था। आप क्या इतिहास भूला दीजिएगा? कल आप इसे खत्म कर दीजिएगा तो इतिहास के बारे में कैसे पता चलेगा। आप जान लीजिए जो शासन में हैं, वह सारे इतिहास को बदल देंगे। आजादी की लड़ाई के इतिहास को भी बदल देंगे। आज नीति आयोग की बैठक और कल नए संसद भवन के उद्घाटन में शामिल होने का कोई मतलब नहीं था।

भाजपा का पलटवार- पीएम मोदी की नजरों से बच रहे नीतीश कुमार
इस बीच भाजपा का और भी तीखा बयान आ गया। नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार को इस बैठक में शामिल होना चाहिए था लेकिन उनके नहीं जाने से बिहार के विकास में बाधा पहुंचेगी। यदि वह नीति आयोग की बैठक में शामिल होते तो बिहार के विकास के लिए जो जरूरी नीतियां है, उस पर चर्चा होती। लेकिन, नीतीश कुमार की मनसा बिहार का विकास करना नहीं है। इसी कारण हो नीति आयोग की बैठक से दूरी बना रहे हैं। 

जदयू का आरोप- केंद्र सरकार ने बिहार के साथ कभी भी इंसाफ नहीं किया
इधर, जदयू के मुख्य प्रवक्ता प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से अधिकृत करने पर भी मंत्रिमंडल सदस्य को बैठक में शामिल होने की अनुमति नहीं देने को असंवैधानिक बता दिया। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने बिहार के साथ कभी भी इंसाफ नहीं किया है। हमेशा भेदभाव किया जाता है। बिहार कई मामलों में आगे है और इसे और विकसित करने के लिए फंड की जरूरत होती है। केंद्र सरकार भेदभाव करती है। 

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