अयोध्या के भगवाधारी महंत परमहंस दास को ताजमहल में नहीं मिली एंट्री

आगरा:  जिस भगवा को पहन कर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने ताजमहल से पूरे देश को पीएम मोदी के स्वक्षता अभियान से जुड़ने को जागरूक किया. उसी भगवा को शरीर पर धारण कर राम जन्म भूमि अयोध्या से ताजमहल (Taj Mahal) देखने आये जगद्गुरु परमहंसाचार्य और उनके शिष्यों को बाहर निकाल दिया गया. हालांकि संतों ने महानता दिखाते हुए दुःखी होने के बावजूद आशीर्वाद दिया और बिना किसी विवाद को हवा दिये वो वापस अयोध्या लौट गए. 

संत जगद्गुरु परमहंसाचार्य और उनके शिष्यों का प्रवेश रोका

जानकारी के मुताबिक, अलीगढ़ के एक भक्त परिवार में एक महिला की तबियत खराब होने पर अयोध्या छावनी के रहने वाले संत जगद्गुरु परमहंसाचार्य अपने साथ तीन शिष्यों को लेकर ताजमहल (Taj Mahal) देखने आये थे. उनके साथ उनके सरकारी गनर भी थे. श्मशान घाट चौराहे से जब वो ताजमहल के लिए निकले तो वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने परिचय जानकर उन्हें गोल्फ कार में बिठाकर पश्चिमी गेट भेजा. मंगलवार शाम 5 बजकर 35 मिनट पर वो अपने शिष्यों के साथ ताजमहल में प्रवेश करने लगे तो वहां मौजूद सीआईएसएफ बलों और अन्य कर्मचारियों ने उन्हें रोक दिया. उनके  भगवा पहने होने के कारण प्रवेश न देने की बात कही गयी और उनके टिकट लेकर उन्हें अन्य पर्यटकों को बेच दिए गए और उनका पैसा लौटा कर वापस भेज दिया गया.

भगवा पहनने और ब्रह्मदण्ड धारण करने की वजह से रोका

आरोप है कि उनके शिष्य ने जब उनकी फोटो खींचने का प्रयास किया, तो मोबाइल छीन कर फोटो डिलीट कर दिए गए. इस दौरान परमहंसाचार्य ने कहा कि उन्होंने सुना है कि यह तेजोमहल है और यहां भगवान शिव की पिंडी दबी हुई है. इसीलिये वो आज यहां देखने आये थे. लेकिन उनसे कहा कि वो भगवा पहने हैं और ब्रह्मदण्ड लिए हैं. इसलिए उन्हें ताज महल परिसर में एंट्री नहीं दी जा सकती. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि ताज महल में भगवा वस्त्र धारण करने वालों पर रोक है. उन्होंने कहा कि भगवा धारण करने वालों पर रोक है, लेकिन टोपी वालों को जाने दिया जाता है. ये दुर्भार्गत की बात है. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस दुर्भावनापूर्ण नियम को बदला जाएगा.

ताज महल परिसर में भगवा पर से हटे बैन

उनके शिष्य परमहंस ने बताया कि हमें गेट पर कहा गया कि योगी जी को भी भगवा पहनने पर रोका गया था. जोकि हलत है. उन्होंने कहा कि ताजमहल पर भगवा को भी प्रवेश मिलना चाहिए और जो लोग दोषी हैं जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

प्रचार प्रतिबंधित, कई बार हो चुका है विवाद

बता दें कि ताजमहल परिसर में सिर्फ प्रचार प्रतिबंधित है. ऐसे में धार्मिक वेशभूषा जैसे टोपी, कुछ लिखे अंगवस्त्र और किसी भी जगह की वेशभूषा पर रोक नहीं है. इसके बावजूद कई बार ऐसे मामले सामने आ चुके हैं. यहां पहले संवासनियों की रामनामी उतरवाने और मॉडल्स के गायत्री मंत्र लिखे दुपट्टे उतरवाने के मामले में काफी विवाद हो चुका है.

अधिकारियों ने साधी चुप्पी

पूरे प्रकरण पर पुरातत्व अधीक्षक आर के पटेल से जब बात की गयी तो पहले उन्होंने ऐसा कुछ न होने की बात कही. हालांकि जब उन्हें सबूत के तौर पर वीडियो दिखाए गए, तो उन्होंने चुप्पी साध ली और कहा कि वो सुबह 10 बजे के बाद ही इस मामले पर कुछ बोल पाएंगे. 

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