यूपी में मुसलमानों का कोई नेता नहीं, बैंडबाजे की तरह हो रहे इस्तेमाल: ओवैसी

कानपुर। एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिमों के हालात पर चिंता जाहिर की है। ओवैसी ने कहा कि मुसलमानों की हालत शादी में बैंड बाजा पार्टी की तरह हो गई है, जहां मुसलमानों से पहले संगीत बजाने को कहा जाता है, लेकिन शादी के मौके पर पहुंचने पर उन्हें कार्यक्रम स्थल से बाहर ही खड़ा कर दिया जाता है। लेकिन अब मुसमलान संगीत नहीं बजाएंगे। हर जाति का नेता है, लेकिन मुसलमानों का कोई नेता नहीं है। यूपी में मुसलमानों की आबादी 19 फीसदी है लेकिन प्रदेश में मुसलमानों का एक भी नेता नहीं है।

यूपी में आगामी चुनाव से पहले कानपुर में पहली चुनावी रैली को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि इस बार यूपी में हम मोदी और योगी को हराएंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में दूसरी लहर के दौरान लोगों को ऑक्सीजन तक नहीं मिली, आपको वादा करना है कि इस बार चुनाव में भाजपा को हम ऑक्सीजन नहीं देंगे। सीएए आंदोलन के दौरान कानपुर में तीन लोगों की मौत हो गई थी, उन्हें ओवैसी ने शहीद का दर्जा दिया।

औवैसी ने कहा कि मुसमलानों को बैंड बाजा समझा जाता है लेकिन अब हमे फैसला करना है कि क्या हमे दूल्हे के लिए बैंड बजाना है या फिर जम्हूरियत का बाजा बजाना है। यूपी में जिस समाज का नेता होता है उसी का सम्मान होता है। मरने से पहले मेरी यह इच्छा है कि यूपी में 100 मुसलमान नेता हों। इस बार हम सपा, बसपा, कांग्रेस, भाजपा को वोट नहीं देंगे हम खुद को वोट देंगे।

प्रदेश की हालात पर चिंता जाहिर करते हुए ओवैसी ने कहा कि कानपुर में चमड़े का कारोबार खत्म हो गया है, कुंभ मेले के लिए चमड़े की फैक्ट्रियों को बंद कर दिया गया, यही नहीं मुसलमानों और दलितों को रोजगार से दूर कर दिया गया। योगी सरकार पूरी तरह से नाकाम है। सरकार ने एलपीजी गैस के दाम बढ़ा दिए हैं, पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान में हैं, गंगा में लाश तैर रही थी, जिसे कुत्ते नोच रहे थे।

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