जातीय ही नहीं अब आर्थिक गणना भी कराएंगे: राहुल गांधी

बिहार। औरंगाबाद में भारत जोड़ो न्याय यात्रा-2.0 के तहत बिहार में दूसरे फेज की यात्रा पर दक्षिण बिहार के औरंगाबाद आए कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने बड़ा एलान किया है। उन्होंने कहा कि हम पहले से देश में जातीय गणना कराने के पक्षधर है। इस पर हम गंभीरता से मंथन कर रहे है। इसी दौरान हमने महसूस किया कि गरीब, किसान, मजदूर, अडानी-अंबानी जैसे उद्योगपति सभी 16 प्रतिशत जीएसटी देते है लेकिन सुविधाएं गरीबों को नही मिलती है। बड़े लोग हवाई जहाज से घुमते है, उन्हे तमाम तरह की सुविधाएं मिलती है और गरीबों को क़ुछ नही मिलता है। इसी वजह से हमने तय किया है कि हम जातीय गणना ही नही आर्थिक गणना भी कराएंगे।

आर्थिक गणना से सामने आएगी  73 प्रतिशत की हकीकत, 27 प्रतिशत वाले होंगे बेनकाब
राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी को जातीय गणना से परहेज है। इसी वजह से वे कहते है कि देश में जातियां है ही नही। सिर्फ दो जाति अमीर और गरीब है। सच्चाई यह है कि 21 वीं सदी में यहां आर्थिक अन्याय हो रहा है। देश में 40 साल में सबसे ज्यादा और बड़ी समस्या बेरोजगारी है। देश में चीन की कंपनियों और देश के 10-15 अरबपतियों की चिंता नरेंद्र मोदी को है। इन्ही को लाभ पहुंचाने के लिए नोटबंदी लागू की गई। इसका खामियाजा देश की पिछड़ी आबादी को भुगतना पड़ा। देश में 73 प्रतिशत गरीबों की आबादी है। इनमें 50 प्रतिशत पिछड़ो की, 15 प्रतिशत दलितो की और  8 प्रतिशत आबादी आदिवासियो की है। इसके बावजूद नंगी हकीकत कुछ और है। देश की 200 बड़ी कंपनियों के मालिको में 73 प्रतिशत वाले जीरो है। प्राईवेट अस्पतालो और यूनिवर्सिटीज के मालिक इनमें जीरो है। इनके यहां यही 73 प्रतिशत दलित, आदिवासी, पिछड़ी और अगड़ी जाति के गरीब कामगार है। हिंदुस्तान की बड़ी कंपनियों में गरीब जेनरल कास्ट के लोग कही नही है।

90 आइएएस देश चलाते है, बजट बनाते है, पर इसमें भी 73 प्रतिशत आबादी वाले नही
राहुल गांधी ने कहा कि 90 आइएएस देश चलाते है। यही देश का बजट बनाते है। ये चुनाव नही लड़ते। ये परमानेंट है। इन 90 में 73 प्रतिशत कहां है। केंद्र सरकार 100 रूपये का बजट बनाती है तो उसमें 5 रूपयें का बजट बनाने का निर्णय ओबीसी ऑफिसर्स, 10 रूपये का निर्णय आदिवासी ऑफिसर्स और दलित ऑफिसर्स एक रूपये का बजट बनाने का निर्णय लेते है। देश के बजट से 73 प्रतिशत आबादी को 6.10 रूपये मिलते है। वही 15 प्रतिशत माईनोरिटी इससे अलग है। आप  सरकार 73 प्रतिशत के लिए चुनते है लेकिन लाभ कारपोरेट को मिलता है। आपको ब्यूरोक्रेसी में हाईकोर्ट में जगह नही मिली हुई है। हाइकोर्ट के 650 जजो में  100 दलित, पिछड़े और आदिवासी है। आबादी आपकी है, जीएसटी का पैसा आपका है। 18 प्रतिशत जीएसटी आप देते है। 18 प्रतिशत अडानी भी देते है, जिनकी आबादी हजार में है। वो महल में रहते है, हवाई जहाज से चलते है। आप गरीबी में रहते है जबकि जितना जीएसटी मजदूर देता है, उतना ही अडानी देता है लेकिन सिस्टम में आप कही नही है। आपकी कैटेगरी कांट्रैक्ट लेबर की है। आप 73 प्रतिशत की हालत सुबह उठो मजदूरी करो की सालो साल से है। इसीलिए मैंने देशभर में जातीय गणना की मांग रखी है। 73 प्रतिशत को गहरी चोट लगी है। जिस प्रकार चोट लगने पर एक्सरे जरूरी होता है, उसी प्रकार जातीय गणना सामाजिक एक्सरे है। इससे हकीकत पता लग जाएंगा कि देश में क्या हो रहा है। हम सबको सबकी संख्या बता देंगे। इसके बाद आर्थिक सर्वे कराएंगे।

आर्थिक सर्वे से पता चलेगा किस वर्ग के पास कितना धन
राहुल गांधी ने कहा कि आर्थिक सर्वे से पता चलेगा कि किस वर्ग के पास कितना धन है। यह देश सोने की चिड़ियां थी, आज भी है पर आपके हाथ में नही अंबानी-अडानी के हाथ में है। इसीलिए आर्थिक सर्वे जरूरी है ताकि दुध का दुध और पानी का पानी हो सके। कहा कि आर्थिक गणना क्रांतिकारी कदम होगा। जैसे सफेद क्रांति, हरित क्रांति और बैंको के राष्ट्रीयकरण की क्रांति हुई, वैसी ही क्रांति आर्थिक गणना से होगी। ऐसा नही होगा तो आप भूखे मर जाओगे और एक प्रतिशत वाले लोग पूरा धन ले जाएंगे। जातीय और आर्थिक गणना कांग्रेस ही कर के दिखाएगी। हमने पहली बार हिंदुस्तान में इतिहास बनाने का फैसला लिया है। किसानों को एमएसपी की लीगल गारंटी दिलाएंगे।

राम मंदिर के उद्घाटन में गरीब नही दिखे
राहुल गांधी ने कहा कि  बीजेपी ने राम मंदिर का उद्घाटन किया। इसमें गरीब कहां दिखे। अंबानी दिखे, अडानी दिखे, ऐश्वर्या, अमिताभ दिखे, मजदूर, किसान, बेरोजगार नही दिखे। मोदी 40 प्रतिशत के लिए काम करते है और आपका ध्यान भटकाने के लिए ड्रामा करते है। आपका ध्यान ऐश्वर्या, अमिताभ, विराट कोहली, पाकिस्तान, चाईना के नाम पर भटका रहे और ये अंबानी-अडानी का काम करते रहे। ये जीएसटी पर नही, जाति गणना पर नही, एमएसपी पर नही बोलेंगे। देश में एक तरफ 99 प्रतिशत में 50 प्रतिशत पिछ्ड़े, 15 प्रतिशत दलित, गरीब और आदिवासी हैं। दूसरी तरफ अरबपति, नरेंद्र मोदी और मीडिया है। इसीलिए इन सबसे सावधान करने को हमने यात्रा को न्याय यात्रा का नाम दिया है। न्याय यात्रा से देश में क्रांति आएगी, जिसके संवाहक आप है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here