यूपी में होगा नट-बोल्ट से ब्रह्मोस मिसाइल तक निर्माण’- राजनाथ

देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपने तीन दिवसीय दौरे पर लखनऊ आए हैं। बीजेपी सांसद ने शनिवार (17 जून) को ‘आत्मनिर्भर भारत’ संगोष्ठी में अपनी बात रखी। संबोधन में राजनाथ सिंह ने कहा, ‘1971 के युद्ध और कारगिल वार के समय कुछ देशों ने हमें हथियार नहीं दिया था। हम उन देशों का नाम नहीं लेंगें। लेकिन,आज हम हथियार के मामले में आत्मनिर्भर हो रहे हैं। उन्होंने कहा, आज जब भारत बोलता है तो पूरी दुनिया सुनती है।’

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने आगे कहा, ‘आज जब तकनीक का नाम ‘नया योद्धा’ युद्ध के मैदान में आया है, तब हमें कहीं और आगे बड़ा सोचने की जरूरत है। उन्होंने कहा, हमें क्षितिज से परे सैन्य साजो-सामान के क्षेत्रों में भी आत्मनिर्भर होने की आवश्यकता है।’ लखनऊ से बीजेपी सांसद ने आगे कहा, ‘जितने महत्वपूर्ण हमारे सैनिकों का शौर्य और प्रदर्शन है, उतने ही महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म, उपकरण और नई तकनीक भी हैं।’ रक्षा मंत्री ने ये बातें लखनऊ कैंट स्थित सूर्य क्लब सभागार में कही। 

रक्षा गलियारे के लिए 1,700 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण
राजनाथ सिंह ने ये बातें ‘आत्मनिर्भर भारत’ पर आयोजित एक प्रोग्राम में कही। उन्होंने संबोधन में कहा, ‘हमने यूपी और तमिलनाडु में रक्षा गलियारा (Defense Corridor in UP) के जरिए रक्षा विनिर्माण के लिए एक अनुकूल वातावरण तैयार किया।’ रक्षा मंत्री बोले, ‘उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारा (यूपीडीआईसी) के बारे में मुझे बताया गया, कि इस गलियारे के लिए करीब 1,700 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण की योजना है। इनमें 95 फीसदी से अधिक भूमि का पहले ही अधिग्रहण हो चुका है। इनमें 36 उद्योगों तथा संस्थानों को करीब 600 हेक्टेयर भूमि आवंटित कर दी गई। 16,000 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के अनुमानित निवेश के साथ 109 सहमति पत्र (MoU) पर हस्ताक्षर हुए हैं।’

UPDIC में बनेंगे नट-बोल्ट से ब्रह्मोस तक 
राजनाथ सिंह ने कहा, यूपीडीआईसी में नट-बोल्ट से लेकर ब्रह्मोस मिसाइल (Brahmos Missile) तक का विनिर्माण होगा। उन्होंने कहा, अभी तक करीब 2,500 करोड़ रुपए का कुल निवेश विभिन्न इकाइयों की ओर से UPDIC में किया गया है। उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारा में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यहां केवल नट-बोल्ट या कलपुर्जों का विनिर्माण नहीं किया जाएगा, बल्कि ड्रोन/यूएवी, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं, विमान और ब्रह्मोस मिसाइलों के भी विनिर्माण और उन्हें तैयार करने का काम किया जाएगा।

जानें क्या है UPDIC?
अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि यूपीडीआईसी है क्या? बता दें, UPDIC एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। इसके जरिए विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर भारतीय रक्षा क्षेत्र (Indian Defense Sector) की निर्भरता घटाने का इरादा है। अलीगढ़ में 11 अगस्त, 2018 को एक कार्यक्रम में रक्षा उत्पादन में 3,700 करोड़ रुपए से अधिक निवेश की घोषणा के साथ इस परियोजना की शुरुआत हुई थी।

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