प्रधानमंत्री मोदी की मुसलमानों पर टिप्पणी को लेकर बोले उमर अब्दुल्ला- हमने कभी भी अपने हक से अधिक की मांग नहीं की

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को विभिन्न धार्मिक समूहों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने के कथित प्रयासों पर चिंता व्यक्त की। जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यहां पर लोगों को एक-दूसरे के खिलाफ लड़ाने वाले बयान दिए जा रहे हैं…अलग-अलग धर्मों के बीच तनाव पैदा करने की कोशिश की जा रही है। बाकी जगहों पर कहा जा रहा है कि हिंदू ख़तरे में हैं। हिंदू आबादी 80% और मुस्लिम आबादी 14% है। 14% आबादी से 80% को कैसा ख़तरा होगा? हमने कभी भी अपने हक से अधिक की मांग नहीं की, कभी नहीं। मुझे एक भी मुसलमान दिखाओ, जिसने अपने हक से ज्यादा कुछ मांगा हो।

शोपियां में एक सार्वजनिक रैली में बोलते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि लोगों को एक-दूसरे के खिलाफ लड़ाने के लिए बयान दिए जा रहे हैं…विभिन्न धर्मों के बीच तनाव पैदा करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने आलोचकों को चुनौती दी कि वे इस बात का सबूत दें कि कोई मुस्लिम अपने उचित हिस्से से अधिक विशेषाधिकार की मांग कर रहा है। अब्दुल्ला की टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजस्थान के बांसवाड़ा में दिए गए विवादास्पद भाषण की पृष्ठभूमि में आई है, जिस पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

प्रधानमंत्री मोदी ने रव‍िवार को राजस्थान की एक चुनावी सभा में कहा था कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है तो वह लोगों की संपत्ति लेकर मुसलमानों को बांट देगी। मोदी ने यह बात पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के एक बयान का हवाला देते हुए कही, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि देश के संसाधनों पर ‘पहला हक’ अल्पसंख्यक समुदाय का है। 

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