जम्मू-कश्मीर में चुनाव में देरी को लेकर बोले उमर अब्दुल्ला

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) नेता उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर भगवा पार्टी को जम्मू-कश्मीर में 10 फीसदी लोगों का भी समर्थन मिला तो वह अपना नाम बदल लेंगे। उन्होंने कुपवाड़ा में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा हार के डर से जम्मू-कश्मीर में चुनाव नहीं करा रही है। उन्होंने कहा कि आप ‘संकल्प’ की बात करते हैं, यहां चुनाव कराएं और आप (भाजपा) हमारा संकल्प देखेंगे। ये लोग दावा करते हैं कि 80 फीसदी लोग उनके साथ हैं, अगर 10 फीसदी भी उनके साथ हैं तो मैं अपना नाम बदल दूंगा। 

प्रशासन द्वारा 31 अक्टूबर को यूटी दिवस मनाए जाने पर अब्दुल्ला ने कहा कि यह फैसला हमसे पूछकर नहीं लिया गया और इसके विपरीत कश्मीर के युवाओं को नौकरी के झूठे वादे दिए गए। उन्होंने कहा कि कौन सा यूटी दिवस, हमसे पूछकर ये यूटी बनाया गया था, अब स्थिति यह है कि यहां के युवाओं को नौकरी नहीं मिली है और बाहर के लोग अधिकारी बन रहे हैं। पहले सचिवालय स्थानीय अधिकारियों से खाली हुआ, फिर पुलिस से और अब जो अधिकारी हैं स्थानीय भाषा बोलने वाले लोग जिलों से भी गायब हैं, धर्म का कोई सवाल ही नहीं है। 

पूर्व सीएम ने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन में अब कोई भी वरिष्ठ अधिकारी मुस्लिम नहीं है। अब्दुल्ला ने बीजेपी सरकार पर जम्मू-कश्मीर में नशे को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने टैक्स बढ़ाने के नाम पर सिर्फ शराब की दुकानें खोली हैं और यहां के युवाओं को मुफ्त में नशा दिया है। एप्पल के ‘राज्य प्रायोजित हमले’ वाले संदेश पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए. पहले भी जानकारी मिली थी कि इजराइल का सॉफ्टवेयर पेगासस इस देश को बेचा गया था और इसका इस्तेमाल लोगों की जासूसी करने के लिए किया जाता था। एप्पल को सारी जानकारी साझा करनी चाहिए और उचित जांच के बाद लोगों को सच्चाई बतानी चाहिए। 

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