ओमिक्रॉन: पीएम मोदी बोले- हमें ज्यादा सतर्क और सावधान होने की जरूरत

देश में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अहम बैठक की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने देश भर में कोरोना की स्थिति, ओमिक्रॉन और स्वास्थ्य प्रणालियों की तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान पीएम ने कहा कि नए वैरिएंट को देखते हुए हमें सतर्क और सावधान होना चाहिए। सरकार सतर्क है। बीमारी की रोकथाम और प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार राज्यों का पूरा सहयोग कर रही है। तत्काल और प्रभावी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, टेस्टिंग में तेजी, टीकाकरण में तेजी लाना और स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।

बैठक में कोरोना के नए वैरिएंट के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने के लिए प्रधानमंत्री का फोकस तीन अहम जरूरतों पर रहा। पहली- ऑक्सीजन की उपलब्धता, दूसरी- दवाओं का पर्याप्त स्टॉक और तीसरी सबसे अहम बात- टीककारण। पीएम ने बैठक में अब तक के हालात की जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने अफसरों को दवाई और ऑक्सीजन के स्टॉक को बेहतर करने के निर्देश दिए। यह ओमिक्रॉन के सामने आने के बाद पीएम मोदी की दूसरी समीक्षा बैठक है। इससे पहले उन्होंने 28 नवंबर को भी बैठक कर देश में महामारी के हालात की समीक्षा की थी।

स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, बैठक में कोरोना प्रबंधन से जुड़े सभी उच्च अधिकारी शामिल हुए। स्वास्थ्य मंत्रालय बैठक में ओमिक्रॉन के नए मरीजों, लक्षण और अत्यधिक संक्रामक होने के बारे में जानकारी दी गई। बैठक में हालात से निपटने के लिए राज्यों के साथ मिलकर बनाई जा रही योजनाओं पर भी चर्चा हुई। ओमिक्रॉन वैरिएंट के देश में अब तक 300 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 88 मामलों की पुष्टि हुई है। 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ओमिक्रोन को लेकर सचेत किया है। यह भी बताया कि यह डेल्टा वैरिएंट की तुलना में कम से कम तीन गुना तेजी से फैलता है। इसे लेकर स्थानीय और जिला स्तर पर प्रबंधन का निर्देश दिया गया है। मंत्रालय ने इसके खिलाफ ‘वार रूम’, सक्रिय करने, सक्रिय कदम उठाने और नाइट कर्फ्यू लगाने जैसे कदमों का सुझाव दिया है। 

शादी-अंत्येष्टि में संख्या सीमित करने का भी सुझाव
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों को लिखे पत्र में कहा है कि ओमिक्रॉन के बढ़ते प्रसार को रोकने के लिए सख्त रणनीतिक उपाय किए जाएं। शादी-विवाह और अंतिम संस्कार आदि में संख्या सीमित करने व आपातकालीन केंद्रों को सक्रिय करने की सलाह भी शामिल है। कोविड नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग कराने भी सलाह दी गई है। 

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