पहले दिन 15-18 साल के 40 लाख बच्चों को लगा कोरोना का पहला टीका

देश में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान (Corona Vaccination) में तेजी लाते हुए 3 जनवरी से 15-18 साल तक के बच्चों को भी वैक्सीन देने की शुरुआत हुई. ऐसे में पहले ही दिन यानी सोमवार को 37 लाख से ज्यादा बच्चों को कोरोना वैक्सीन दी गई. जानकारी के मुताबिक सोमवार शाम 7 बजे तक 37,84,212 बच्चों को कोरोना वैक्सीन दी गई. वहीं टीके के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने वालों की संख्या 50 लाख के पार हो चुकी है.

इससे पहले सोमवार दोपहर तक 13 लाख बच्चों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज दी गई थी जबकि 34 लाख बच्चों ने इसके लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था. हालांकि शाम होते होते वैक्सीनेशन का आंकड़ा 37 लाख पहुं गया है जबकि 50 लाख से ज्यादा बच्चे टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं.

वहीं दिल्ली में सोमवार शाम 6 बजे तक 15-18 साल के 20,998 बच्चों को कोरोना वैक्सीन दी गई.  इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भी वैक्सीनेशन अभियान के बीच दिल्ली के आरएसएल अस्पातल का दौरा किया था और वैक्सीन लगवाने आए बच्चों से मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने टीकाकरण अभियान का जायजा भी लिया था.

15-18 साल के बच्चों को केवल कोवैक्सिन

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नए दिशानिर्देशों के अनुसार, 15-18 आयु वर्ग के लोगों को केवल कोवैक्सिन ही दिया जा रहा है. देश की वयस्क आबादी को कोवैक्सिन के अलावा कोविशील्ड और स्पुतनिक V टीके दिये जा रहे हैं. टीकाकरण के महत्व को रेखांकित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘हमें पात्र लाभार्थियों के लिए 15-18 वर्ष आयु वर्ग के किशोरों के टीकाकरण और एहतियाती खुराक के संबंध में योजना बनाने पर ध्यान देना चाहिए.’’

वहीं देश में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए वैक्सीनेशन की गति भी तेज कर दी गई है. देश में 11 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पहले ही 100 प्रतिशत पहली खुराक टीकाकरण हासिल कर लिया है, जबकि तीन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने 100 प्रतिशत पूर्ण टीकाकरण हासिल कर लिया है. इसके अलावा कई राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के जल्द ही 100 प्रतिशत टीकाकरण हासिल करने की उम्मीद है.

इससे पहले केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने रविवार को कहा था कि 15 से 18 साल आयु समूह के किशोरों के टीकाकरण के दौरान कोविड-19 रोधी टीकों में घालमेल से बचने के लिए राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को अलग-अलग टीकाकरण केन्द्र स्थापित करने सहित आवश्यक उपाय करने चाहिए.

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