15-18 साल की उम्र के किशोरों को दी जाए केवल कोवैक्सीन: भारत बायोटेक

भारत बायोटेक ने मंगलवार को हेल्थकेयर वर्कर्स से अपील की है कि वे वैक्सीन (Covid19 Vaccine) लगाने के दौरान काफी सतर्क रहें और यह सुनिश्चित करें कि 15-18 साल के आयु वर्ग के किशोरों को सिर्फ ‘कोवैक्सीन’ (Covaxin) ही लगाई जाए. कंपनी ने कहा कि ऐसी कई रिपोर्ट मिली हैं, जिसमें बताया गया है कि 15-18 साल के बच्चों को बिना मंजूर की गई वैक्सीन लगाई जा रही है. 3 जनवरी से इस एज ग्रुप के बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू हुआ है और सरकार ने इसके लिए सिर्फ कोवैक्सीन के इस्तेमाल का निर्देश दिया है.

कंपनी ने मंगलवार को एक बयान जारी करते हुए कहा, “हमें कई रिपोर्ट मिली हैं कि 15-18 साल के एज ग्रुप में बिना मंजूरी वाली कोविड वैक्सीन लगाई जा रही हैं. हम स्वास्थ्यकर्मियों से अनुरोध करते हैं कि वे यह सुनिश्चित करें कि बच्चों को सिर्फ कोवैक्सीन ही लगाई जाए. कोवैक्सीन को 2-18 साल के बच्चों में विस्तृत क्लीनिकल ट्रायल के बाद मंजूरी मिली है. फिलहाल भारत में बच्चों के लिए मंजूर की गई एकमात्र कोविड वैक्सीन यही है.” कंपनी ने महामारी के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों की उत्कृष्ट सेवा के लिए धन्यवाद भी दिया.

भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ कोविड-19 के खिलाफ 77.8 प्रतिशत प्रभावी साबित हुई है. देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान सबसे अधिक प्रभावी रहे डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ यह टीका 65.2 फीसदी और कोरोना वायरस के सभी प्रकारों के खिलाफ 70.8 प्रतिशत कारगर है. आंकड़ों के अनुसार, देश में निर्मित यह वैक्सीन कोविड-19 के गंभीर लक्षणों के खिलाफ 93.4 प्रतिशत प्रभावी है.

बूस्टर डोज के ट्रायल में एंटीबॉडी प्रभावी पाई गई- कंपनी

कंपनी ने हाल ही में कहा था कि उसके कोविड-19 टीके ‘कोवैक्सीन’ की बूस्टर डोज ट्रायल में किसी तरह का साइड इफेक्ट सामने नहीं आया है और यह वायरस के सभी वेरिएंट्स के खिलाफ लंबे समय तक सुरक्षा देती है. कंपनी ने कहा कि बूस्टर डोज के रूप में कोवैक्सीन सुरक्षित है और मजबूत प्रतिरक्षा उपलब्ध कराती है. कंपनी ने दावा किया कि बूस्टर डोज लगाने (दो डोज लेने के 6 महीने बाद) के बाद 90 फीसदी लोगों में कोविड-19 के खतरनाक वेरिएंट के खिलाफ एंटीबॉडी पाई गई.

भारत बायोटेक ने एक बयान में कहा था कि ट्रायल के दौरान बूस्टर डोज लेने के बाद लोगों में एंटीबॉडी दो डोज लेने के मुकाबले 5 गुना बढ़ गई. कंपनी के मुताबिक, “बूस्टर डोज लेने के बाद लोगों में CD4 और CD8 कोशिकाओं में बढ़ोतरी देखी गई. इससे कोरोना वायरस के खिलाफ कोवैक्सीन लंबी सुरक्षा उपलब्ध कराती है. ट्रायल के दौरान साइड इफेक्ट की दर काफी कम देखी गई.”

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