हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ बयान देकर भावनाएं आहत करने और समाज में विद्वेष फैलाने के आरोपों को लेकर सपा के पूर्व महासचिव और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना करने का आदेश एमपीएमएलए कोर्ट के विशेष एसीजेएम अम्बरीश श्रीवास्तव ने वजीरगंज थाना प्रभारी को दिया है।
वादिनी रागिनी रस्तोगी ने स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की मांग वाली अर्जी कोर्ट में दी थी। इसमें बताया कि 15 नवंबर 2023 को एक समाचार पत्र में उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान पढ़ा। उसमें आरोपी ने बयान दिया था की ‘पूरे विश्व के हर धर्म, जाति, नस्ल, रंग और देश में दो हाथ-पैर और आंख वाले ही बच्चे होते हैं।
चार हाथ, आठ हाथ, दस हाथ या हजार हाथ वाला बच्चा आज तक पैदा नहीं हुआ तो चार हाथ वाली लक्ष्मी कैसे पैदा हो सकती हैं। आगे कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसके पहले भी कई बार हिंदू धर्म व हिंदुत्व का अपमान करने वाला वक्तव्य देकर हिंदू धर्मावलंबियों की भावनाएं आहत की हैं।
एक बार फिर से स्वामी प्रसाद ने मां लक्ष्मी के विषय में अपमानजनक बयान देकर समाज के वर्गों में विद्वेष पैदा करने और भावनाएं आहत करने का अपराध किया है। आगे कहा गया कि आरोपी स्वामी प्रसाद मौर्य जानबूझकर लगातार देश और समाज के वर्गों को तोड़कर विद्वेष फैलाने का आपराधिक षड्यंत्र रच रहे हैं।