दिल का दौरा पड़ने से अनाथों की मां सिंधुताई सपकाल का निधन

पुणे. अनाथों की सेवा करनेवाली भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता और पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित सिंधुताई सपकाल (Sindhutai Sapkal Dies) का मंगलवार को पुणे (Pune) में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 73 साल की थी। उनका निधन रात 8 बजकर 10 मिनट पर हुआ।

जानकारी के मुताबिक एक महीने पहले सिंधुताई सपकाल का हार्निया का ऑप्रेशन हुआ था। उनका इलाज पुणे के गैलेक्सी केयर अस्पताल में चल रहा था। जहां आज उन्होंने अंतिम सांस ली।

सिंधुताई सपकाल के निधन पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। गडकरी अपने आधिकरिक ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट कर कहा, “वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता और ‘अनाथों की माता’ के नाम से मशहूर सिंधुताई सपकाल के निधन की खबर सामने आई। उन्हें मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि। पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित सिंधुताई ने कई मुश्किल परिस्थितियों का सामना करते हुए हजारों अनाथों की देखभाल की।”

उन्होंने कहा- “समाज के लिए उनका योगदान बहुत बड़ा है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें। ॐ शांति।”

सिंधुताई सपकाल को “माई” कहा जाता था। उन्होंने ने पुणे में सनमती बाल निकेतन संस्था नाम का एक अनाथालय चलाया है। उन्होंने अपने जीवन में 1,000 से अधिक अनाथ बच्चों को गोद लिया और उनको पढ़ा-लिखाकर काबिल बनाया। इनमें से कई लोग आज खुद  अनाथालय चलाते हैं।

सिंधुताई को अपनी सामाजिक सेवा के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। उन्हें 2012 में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर समाज भूषण पुरस्कार और 2021 में उन्हें पद्म श्री (सामाजिक कार्य श्रेणी में 2021 में पद्म श्री) से सम्मानित किया गया था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here