पाकिस्तान की कोर्ट ने ईशनिंदा के आरोप में स्कूल की महिला प्रिंसिपल को मौत की सजा सुनाई

पाकिस्तान की एक अदालत ने ईशनिंदा के आरोप में स्कूल की एक महिला प्रिंसिपल को मौत की सजा सुनाई है. लाहौर की जिला एवं सत्र अदालत ने सोमवार को निश्तर कॉलोनी के एक निजी स्कूल की प्रिंसिपल सलमा तनवीर (Salma Tanvir) को मौत की सजा सुनाई और उस पर 5000 पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना लगाया. अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश मंसूर अहमद ने फैसले में कहा कि तनवीर ने पैगंबर मुहम्मद को इस्लाम का अंतिम पैगंबर नहीं मानकर ईशनिंदा की.

लाहौर पुलिस ने 2013 में एक स्थानीय मौलवी की शिकायत पर तनवीर के खिलाफ ईशनिंदा का मामला दर्ज किया था. उसपर पैगंबर मुहम्मद को इस्लाम का अंतिम पैगंबर नहीं मानने और खुद को इस्लाम का पैगंबर होने का दावा करने का आरोप लगाया गया था (Blasphemy Case in Pakistan 2021). तनवीर के वकील मुहम्मद रमजान ने दलील दी थी कि उनके मुवक्किल की ‘मानसिक स्थिति ठीक नहीं है’ और अदालत को इस तथ्य पर गौर करना चाहिए.

अब तक 1472 लोगों पर लगे हैं आरोप

अभियोजन पक्ष द्वारा अदालत में सौंपी गई ‘पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ’ के एक मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट में कहा गया कि ‘संदिग्ध मुकदमा चलाने के लिए फिट है क्योंकि उसकी मानसिक स्थिति बिल्कुल ठीक है.’ पाकिस्तान के विवादास्पद ईशनिंदा कानून और इसके तहत निर्धारित दंड को बेहद कठोर माना जाता है. पाकिस्तान में 1987 से ईशनिंदा कानून के तहत कम से कम 1472 लोगों पर आरोप लगाए गए हैं (Recent Blasphemy Case in Pakistan). ईशनिंदा के आरोपी आमतौर पर अपनी पसंद का वकील रखने के अधिकार से वंचित रह जाते हैं क्योंकि ज्यादातर वकील ऐसे संवेदनशील मामलों को लेने से इनकार करते हैं.

औपनिवेशिक दौर का है ईशनिंदा कानून

ईशनिंदा कानून औपनिवेशिक दौर के कानून हैं, लेकिन पूर्व तानाशाह जनरल जियाउल हक ने इनमें संशोधन किया था, जिससे निर्धारित दंड की गंभीरता बढ़ गई. बात दें पाकिस्तान में ईशनिंदा के कानून का लंबे समय से गलत इस्तेमाल हो रहा है. मानवाधिकार कार्यकर्ता इस कानून की काफी आलोचना करते हैं (What are Blasphemy Laws in Pakistan). क्योंकि मुस्लिम बहुल देश में अल्पसंख्यक हिंदुओं और ईसाई धर्म के लोगों के खिलाफ इस कानून का दुरुपयोग होता है. अब तक कई मामलों में दोषी साबित हुए लोगों को मौत की सजा भी सुनाई गई है. हालांकि इनमें से किसी को भी अभी तक फांसी नहीं दी गई है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here