पंडे-पुजारी कर रहे विरोध, उन्हें आभास है कि उनका धंधा बंद हो जाएगा: सपा के स्वामी

श्रीरामचरितमानस पर अभद्र टिप्पणी को लेकर बवाल अभी थमा भी नहीं था कि बुधवार को पूर्व मंत्री और सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने फिर ब्राह्मण समाज पर अभद्र टिप्पणी की। प्रदेश में हो रहे विरोध के सवाल पर पूर्व मंत्री ने कहा कि सिर्फ जाति विशेष के लोगों द्वारा ही उनका विरोध किया जा रहा है। पंडे, पुजारियों को अपने धंधे पर खतरा दिखाई दे रहा है। उन्हें इस बात का आभास हो गया है कि मौर्य जी के आह्वान पर अगर दलित, पिछड़े एक हो गए तो यह मंदिर आना बंद कर देंगे, जिससे चढ़ावा और पेट पूजा बंद हो जाएगी। उनका धंधा ठप हो जाएगा। वही पागलों की तरह भौंकने का काम कर रहे हैं। वह दोपहर बाद एक निजी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए रायबरेली पहुंचे थे।पत्रकारों ने सवाल किया कि शिवपाल यादव कह रहे हैं कि यह उनका निजी बयान है। इससे पार्टी से कोई लेना देना नहीं है। इस पर पूर्व मंत्री ने कहा कि शिवपाल सही कह रहे हैं। यह मेरा निजी बयान है। इससे पार्टी का कोई लेना देना नहीं है। भाजपा के मंत्री और विधायक श्रीरामचरितमानस पर दिए गए बयान का विरोध कर रहे हैं।इस पर पूर्व मंत्री ने कहा कि मैं किसी धर्म के आराध्य पर टिप्पणी नहीं कर रहा हूं। मैं सिर्फ धर्म के नाम पर दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और महिलाओं पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी का विरोध कर रहा हूं और उसका करता रहूंगा। इससे पहले त्रिपुला चौराहा पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने पूर्व मंत्री का जोरदार स्वागत किया।

श्रीरामचरितमानस पर की गई टिप्पणी जायज है: स्वामी
गदागंज। एक निजी कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे पूर्व मंत्री एवं सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का जोरदार स्वागत किया गया। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि श्रीरामचरित मानस की कुछ  चौपाइयों में दलित, आदिवासी एवं पिछड़ों के लिए तुलसीदास ने जो कुछ लिखा है, वह गलत है। इस पर की गई उनकी टिप्पणी जायज है।

अति पिछड़े समाज के लिए जारी रहेगा संघर्ष
मौर्य ने कहा कि यह बिगड़ी मानसिकता के लोग हैं। मेरे बयान के बाद किसी भी दलित आदिवासी एवं किसी महिला ने कोई टिप्पणी नहीं की है। अति पिछड़े समाज के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा। उनकी जीभ काटने पर 10 लाख के इनाम दिए जाने के सवाल पर पूर्व मंत्री ने कहा कि मैं खुलेआम घूम रहा हूं और अपने कार्यकर्ताओं से मिल रहा हूं।

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