संसद: असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार को कहा ‘झांकू अंकल’

एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। ओवैसी ने केंद्र सरकार को झांकू अंकल (झांकते हुए अंकल) के रूप में संबोधित किया है। जन्म और मृत्यु पंजीकरण संसोधन विधेयक का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि यह नागरिकों के निजता के अधिकार का उल्लंघन है। 

ओवैसी ने दिए यह तर्क
लोकसभा में बहस करते हुए ओवैसी ने कहा कि संसोधन विधेयक अप्रत्यक्ष रूप में एनआरसी से जुड़ा हुआ है। इसे अपडेट करने के लिए मतदाता सूची सहित अन्य डेटाबेस को जोड़ा जाएगा। इससे आधार, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस और निजता के अधिकार का उल्लंघन है। निजता के अधिकार का उल्लंघन करने वाली हर कार्रवाई के लिए एक कानून होना चाहिए। अप्रत्यक्ष रूप में यह एनआरसी है और यह पूरी तरह से असंवैधानिक है। 

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बहस का दिया जवाब
विधेयक पर हो रहे बहस का जवाब देते हुए केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय का कहना है कि सरकार साफ मन से विधेयक लाई है। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विभिन्न योजनाओं का लाभ लाभार्थियों तक पहुंच सकें। कुछ सांसदों के विरोध पर राय ने कहा कि कुछ सदस्यों ने आशंकाएं व्यक्त की हैं। मेरा मानना है कि विधेयक में किसी भी संदेह की कोई गुंजाइश नहीं है। इसके बाद ध्वनि मत से सराकर ने सदन में विधेयक पास करवा लिया।

सरकार को बताया पीपींग टॉम
ओवैसी का कहना है कि जब सदस्य गरीबी या कोविड के दौरान हुई मौतों का डेटा मांगते हैं, तब सरकार कहती है कि कोई आंकड़े या डाटा उनके पास नहीं है। सरकार को लगता है कि वह हमारे सभी व्यक्तिगत और निजी डेटा को इकट्ठा करने और उसे इस्तेमाल करने की हकदार है। इसके लिए अंग्रेजी में एक शब्द है पीपींग टॉम, जिसे हिंदुस्तानी भाषा में झंकू अंकल कहा जाता है। 

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