पटना के नौबतपुर में 13 से 17 मई तक आयोजित होने वाले बागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेन्द्र शास्त्री के दिव्य दरबार को लेकर नेपाल, झारखंड सहित कई जगहों से उनके भक्तों का आना शुरू हो गया है। 3 लाख स्क्वायर फीट में बन रहे दिव्य दरबार पंडाल को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
बागेश्वर धाम वाले बाबा के दर्शन स्थल पर पहुंचने के लिए चारों दिशाओं से पांच रास्ते खुले हुए हैं। बताते चलें कि पटना एम्स चिरौरा से होकर बाबा के दर्शन स्थल पर पहुंचा जा सकता है। इसके लिए लगभग 12 KM की दूरी तय करनी होगी। इसके अलावा पटना जानीपुर अबू लोदीपुर होते हुए तरेत गांव पहुंचने के लिए 8 KM का सफर तय करना पड़ेगा। पश्चिम दिशा से आने वाले भक्तों के लिए बिहटा सरमेरा रुस्तम गंज होते हुए तरेत गांव पहुंचने के लिए बिहटा से 20 KM की दूरी तय करनी पड़ेगी।
वहीं, गया, जहानाबाद, मसौढ़ी से आने वाले भक्तों के लिए मसौढ़ी पीपलावा गांव होते हुए नौबतपुर तक के बाद बाबा के स्थल पर पहुंचने का मार्ग मसौढ़ी से लगभग 25 KM दूर है। गया से आने वाले लोगों के लिए डूंगरी स्टेशन से सरमेरा होते हुए तरेत गांव पहुंचा जा सकता है। इसके लिए डूंगरी स्टेशन से तरेत गांव की दूरी लगभग 14 KM है।
ग्रामीणों का यह मानना है कि पांचों मार्गों पर बाबा स्थल पहुंचने के लिए सड़क की व्यवस्था है। जहां से ऑटो से तरेत गांव कार्यक्रम स्थल पर पहुंचा जा सकता है। बागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम को लेकर तरेत गांव के लोग ही नहीं बल्कि आसपास के ग्रामीण भी पूजा और महाप्रसाद के लिए महादान देना शुरू कर दिए हैं।
कार्यक्रम स्थल के ठीक विपरीत खुले मैदान में बजरंगबली की 20 फीट की स्थाई प्रतिमा स्थापित की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य बताते हुए बागेश्वर धाम समिति के अध्यक्ष केके सारस्वत ने बताया कि क्योंकि यह हनुमंत कथा का कार्यक्रम है। इसलिए 12 तारीख को 5 बजे सुबह में लगभग 10,000 कलर्स उठकर गंगाजल के साथ इसी बजरंगबली प्रतिमा के नजदीक रख दिया जाएगा।