पसीना बहाया तब यूपी के बारे में लोगों की धारणा बदली: योगी

बजट पर विधान सभा में विपक्ष को करारा जवाब देने के बाद गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद में बजट पर चर्चा करते हुए सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। उनका फोकस फरवरी में संपन्न हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट पर रहा। उन्होंने कहा कि हमने फरवरी 2018 में यूपी इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया था। 2023 में फिर से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट किया गया। पहले जहां 4.68 लाख करोड़ के प्रस्ताव आते थे, आज उसी यूपी में 35 लाख करोड़ के प्रस्ताव आए हैं। केवल एनसीआर तक ही ये सीमित नहीं है, पूर्वांचल और बुंदेलखंड में लाखों करोड़ के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इसके लिए अभियान चलाना पड़ा। 6 साल तक टीम यूपी लगातार काम करती रही, पसीना बहाया तब धारणा (परसेप्शन) बदली। हमारे पास आज बेहतर कनेक्टिविटी है, एक्सप्रेस-वे, रेल नेटवर्क, एयर नेटवर्क है। हमने सेक्टोरल पॉलिसी बनाई और उसमें कार्ययोजना बनाकर अपने परिश्रम को आगे बढ़ाया। पॉलिसी बनाई गई, एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स बनाकर, 64 हजार हेक्टेयर भूमि का लैंडबैंक बनाकर भूमाफियाओं से मुक्त कराया। परिणाम हमारे सामने है।

विदेशों से लेकर प्रदेश के पिछड़े इलाकों तक से आ रहा निवेश 
मुख्यमंत्री योगी ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए सरकार की ओर से किए गए प्रयासों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस बार हमारे डिप्टी सीएम और वरिष्ठ मंत्रीगण जिस देश में गए उनका हर जगह सम्मान के साथ स्वागत हुआ। हमारी टीम दुनिया के 16 देशों और भारत के आठ शहरों में से बड़े पैमाने पर निवेश लेकर आई। हमारे जनप्रतिनिधियों ने यूपी के हर जिले में निवेशक सम्मेलन किए। यूपी की ये सबसे बड़ी सफलता है कि जहां 75 जनपद कवर हो रहे हैं तो वहीं सबसे पिछड़े इलाके पूर्वांचल और बुंदेलखंड से भी भारी निवेश हुआ है। पहले यूपी के इन्वेस्टर्स समिट लखनऊ में न होकर दिल्ली और मुम्बई में होते थे। पूछा जाता था कि यूपी में क्यों नहीं करते तो जवाब मिलता था कि यूपी में कोई नहीं आएगा।

यूपी की अर्थव्यवस्था में विकास को दिखाता है ये बजट
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि भाजपा 5 साल तक प्रदेश में सफलतापूर्वक शासन करने के बाद फिर से दो तिहाई  बहुमत के साथ प्रदेश की सत्ता में आई है। 2016 का बजट 3.29 लाख करोड़ का था। 2017 में 3.40 लाख करोड़ का बजट था। आज 6 साल बाद हमने 6.90 लाख करोड़ का बजट सदन में पेश किया, जो प्रदेश के 25 करोड़ जनमानस की आकांक्षाओं के अनुरूप है। ये बजट यूपी की अर्थव्यवस्था में विकास को दिखाता है। प्रदेश के अंदर व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने में हमें सफलता प्राप्त हुई है। प्रधानमंत्री ने 2014 में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास का मंत्र दिया था। वही इस सरकार की सफलता का मूल मंत्र है।

गांव, गरीब, महिला, किसान युवा सबको एक साथ जोड़ते हुए प्रत्येक क्षेत्र में विकास दिखाई दे रहा है। कभी युवाओं के सामने पहचान का संकट था, संगठित अपराध के माफिया की पैरलल सत्ता चलती थी। बेटियां सुरक्षित नहीं थीं, किसान आत्महत्या कर रहे थे। आज यूपी का नौजवान जहां जाता है वहां सम्मान प्राप्त करता है। भारत के हृदय स्थल यूपी के हर गांव, मोहल्ले, जनपद में विकास देखने को मिल रहा है। 

हम विकास की बात करते हैं, वो जाति की बात करते हैं 
मुख्यमंत्री योगी ने एक बार फिर विपक्ष को घेरते हुए कहा कि मैंने कल भी कहा था कि समस्या के समाधान के दो रास्ते होते हैं, या तो उसमें भाग लो या उससे भाग लो। हमारे पास समाधान करने वाली टीम है। जब हम वसुधैव कुटुम्बकम की बात करते हैं तो वो जाति की बात करते हैं। जब हम ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की बात करते हैं तो वह जाति की बात करते हैं। जब हम बजट की बात करते हैं तो वो जाति की बात करते हैं। ये सब जानते हुए कि इसी कारण ये यूपी के नौजवानों के सामने पहचान का संकट खड़ा हुआ था। इस संबंध में एक बड़े विद्वान ने कहा था कि समस्या का समाधान इस बात पर निर्भर करता है कि आपका सलाहकार कौन है। दुर्योधन का सलाहकार शकुनि था और अर्जुन के सलाहकार श्रीकृष्ण थे।

मुख्यमंत्री बोले, हमेशा दुनिया को परिवार माना है

मुख्यमंत्री ने जी-20 के आयोजन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जी-20 के दो सम्मेलन यूपी में हो चुके हैं। यह दुनिया के 20 बड़े देशों का संगठन है। इनका दुनिया की 65 फीसदी आबादी, 75 फीसदी ट्रेड, 85 फीसदी से अधिक जीडीपी और 90 फीसदी रिसर्च पर अधिकार है। आजादी के अमृत वर्ष में पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत उसकी अध्यक्षता कर रहा है। आगरा और लखनऊ में इसके दो सम्मेलन हो चुके हैं। 20 बड़े देशों, भारत के 9 मित्र देश और 7 अन्य देशों के प्रतिनिधियों ने इसमें भाग लिया। आवभगत से वे सभी अभिभूत थे। हमने वसुधैव कुटुम्बकम के भाव के साथ हमेशा दुनिया को परिवार माना है।

6 वर्ष की यात्रा ने असंभव को संभव करके दिखाया है
उन्होंने सरकार की कार्यशैली और परिणाम के साथ-साथ विपक्ष के आरोपों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि वन ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य पर लोग शंका करते हैं, कहते हैं क्या ये संभव हो पाएगा? हम कहते हैं कि क्यों नहीं संभव होगा, नेक नीयत चाहिए। पिछले 6 वर्ष की यात्रा ने असंभव को संभव करके दिखाया है। टीम यूपी ने 10 सेक्टर चिह्नित किये हैं, जिनपर सतत कार्य हो रहा है। 

उन्होंने कहा कि हमने जो कहा वो कर के दिखाया। हमारी पार्टी ने 2022 में 130 संकल्प प्रदेश की जनता के सामने रखे थे। इसमें से 110 संकल्पों को पूरा करने के लिए 64 हजार करोड़ का बजट आवंटित किया गया है। 16-17 में रेवेन्यू कुल प्राप्ति 86 हजार करोड़ थी, इस वित्तीय वर्ष में हमारा राजस्व 2 लाख 20 हजार करोड़ आने जा रहा है। इससे पहले क्या होता था, सेल टैक्स और वैट था। इससे 49 हजार करोड़ से 51 हजार करोड़ तक प्राप्त होता था। इस वित्तीय वर्ष में 1 लाख 25 हजार करोड़ तक हमें प्राप्त होने जा रहा है। मार्च 17 तक स्टेट एक्साइज में 12 हजार करोड़ मिलते थे, आज ये राशि 45 हजार करोड़ की होने जा रही है। ये पैसा चोरी होता था तो लोग इंग्लैंड में होटल और ऑस्टेलिया में टापू खरीदते थे। जिस पैसे से गरीब, किसान, युवा बुजुर्ग के लिए योजनाएं बनाने के लिए खर्च होना चाहिए था। हमने बिना डीजल पेट्रोल के दाम बढ़ाये ये काम किया है। आज यूपी में सबसे कम रेट है।

प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने में मददगार होगा ये बजट 
मुख्यमंत्री योगी ने आगे कहा कि इस बजट का थीम यूपी को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने वाला है। देश को पांच ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लिए यूपी भी अपनी आबादी के हिसाब से सहभाग करने के लिए प्रयासरत हैं। आत्मनिर्भर यूपी की नींव को मजबूत करने के लिए ये बजट प्रस्तुत किया गया है। प्रदेश में अब तक अलग-अलग थीम पर बजट प्रस्तुत किये गये हैं। हमारा पहला बजट किसानों, सिंचाई पर आधारित था। दूसरा अवस्थापना, तीसरा महिला सशक्तिकरण, चौथा बजट युवाओं के लिए, पांचवां बजट विभिन्न वर्गों के स्वावलंबन से जुड़ा हुआ था जो अन्त्योदय से आत्मनिर्भर की ओर बढ़ने वाला बजट था। 23-24 का ये बजट समावेशी, समग्र विकास की सोच के साथ एक आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश के लिए पेश किया गया है।

विकास के सही ट्रैक पर बढ़ रहा है यूपी
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें गौरव की अनुभूति होती है कि यूपी आज वैल्यू सरप्लस स्टेट है। पहले बजट का 8 फीसदी भाग ऋण का ब्याज चुकता करने में जाता था, आज ये 6 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि अमृत काल का प्रथम बजट देश के सबसे बड़े राज्य में तब सामने आया है जब यूपी ने कोरोना महामारी का प्रकोप झेला। आज यूपी से कोरोना समाप्त है। यूपी विकास के सही ट्रैक पर आगे बढ़ रहा है।

2017 के पहले बदहाल शिक्षा का उल्लेख कर सीएम ने विपक्ष को घेरा

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में बहुत कार्य हुए हैं। यूपी में 2017 के पहले क्या स्थति बना दी थी। 17 के पहले सूबे में पांचवीं के 56 फीसदी बच्चे हिन्दी तक नहीं पढ़ पाते थे। प्राथमिक विद्यालय बदहाल थे। 26 हजार से ज्यादा स्कूल एक कमरे में चल रहे थे। यूपीपीएससी की हर परीक्षा पर सवाल उठते थे। आज हमने ऑपरेशन कायाकल्प के जरिए विद्यालयों की दशा सुधारने का कार्य किया है। पहले 1 करोड़ 34 लाख बच्चे यूपी के सरकारी स्कूलों में पढ़ते थे, आज 1 करोड़ 91 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं।

बच्चों को दो यूनिफॉर्म फ्री, बुक्स फ्री, जूता मोजा फ्री देने के साथ ही मिड-डे मील की गुणवत्ता सुधारी गयी है। हमारी सरकार ने इन बच्चों की जाति, मत, मजहब नहीं देखा। इन बच्चों के हक को पहले हड़पकर दुनिया में अपने संसाधन बढ़ाने में लगे थे, तब आप लोगों को जाति नजर नहीं आती थी क्या। बच्चियां नंगे पैर स्कूल जाती थीं। आज यूपी के हर बच्चे के अभिभावक के खाते में 12 सौ रुपए डीबीटी के जरिए भेजे जा रहे हैं।

अनाथ बच्चे देश का भविष्य, दे रहे वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर और उत्तम शिक्षा 
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आज हर गांव और हर वार्ड में डिजिटल लाइब्रेरी का निर्माण किया जा रहा है। बजट में इसका प्रावधान है। पीएम श्री योजना के अंतर्गत बच्चों के लिए डिजिटल विद्यालय बनने जा रहा है। कोविड के कारण जो बच्चे अनाथ हुए हैं, उन बच्चों को वर्ल्ड क्लास इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ हम लोग उत्तम शिक्षा देने जा रहे हैं। ये सरकार उनके लॉजिंग, फूडिंग के साथ पूरा खर्चा देने जा रही है। ये बच्चे हमारे भविष्य हैं। माध्यमिक शिक्षा के सरकारी के साथ-साथ निजी विद्यालयों के रेनोवेशन के लिए बजट का प्रावधान किया है।

तीन नए विश्वविद्यालय बनाने के लिए दिया गया बजट 
शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए सीएम ने कहा कि हमने संस्कृत विद्यालय के लिए 100 करेाड़ की व्यवस्था की है। संस्कृत के विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप की व्यवस्था भी बजट में की गयी है। अच्छा होता विरोधी दल के नेता यहां होते मगर वो भाग गये। इस बार उच्च शिक्षा के लिए तीन नये विश्वविद्यालय इस बजट में बनाने का प्रावधान किया गया है। फार्मा सेक्टर के लिए विवि के समकक्ष संस्थान बनाया जाएगा। यूपी फार्मा सेक्टर का सबसे बड़ा हब बनेगा। टाटा टेक्नोलॉजी के साथ हमने 5 हजार करोड़ से अधिक का एमओयू साइन किया है। यूपी के 35 हजार नौजवान हर साल वर्ल्ड क्लास ट्रेनिंग लेकर स्किल का विकास करेंगे। यहां से प्रशिक्षित युवाओं को टाटा में ही नौकरी भी दी जाएगी। न्यू एज कोर्सेस के लिए हमने कई कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने का कार्य किया है।

यूपी में जिन लोगों ने राम को कोसा, जनता ने उन्हें उनकी सही जगह पहुंचा दिया

रामचरित मानस और गोस्वामी तुलसीदास को लेकर चल रहे ताजा घटनाक्रम पर भी मुख्यमंत्री योगी ने सवाल उठाने वालों पर विधान परिषद में कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि उनके संस्कार अपनी विरासत को कोसने वाले हैं, भगवान राम और मध्यकाल के महान संत तुलसीदास पर इस प्रकार की टिप्पणी कर रहे हैं, जिनकी विरासत पर देश दुनिया आकर्षित होती है। तुलसीदास जी ने जब रामचरित मानस लिखना प्रारंभ किया था, तब पोथी ही चोरी हो जाती है। समस्या कितनी ही बड़ी क्यों न हो, ईश्वर की कृपा हो तो कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। मध्य काल में उन्होंने भारत का मार्गदर्शन करने वाले रामचरित मानस की रचना की। यह धार्मिक ग्रंथ गुलामी की बेडियों से मुक्त करने वाला है। उस काल में अकबर के दरबार में तुलसीदास ने कहा था कि मेरा एक ही राजा है। श्रीराम के अलावा मैं किसी को राजा नहीं मानता हूं। यूपी में जिन लोगों ने राम को कोसा था, जनता ने उन्हें कहां पहुंचा दिया। जो कहते थे अयोध्या में परिंदा भी पर नहीं मार सकता, वहां भगवान राम का भव्य मंदिर बनने जा रहा है। 2024 में जब भगवान राम अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे तब पूरा भारत, पूरा विश्व हमारी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व की अनुभूति करेगा।

मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री किसी के भी खिलाफ लगे आरोपों को वापस नहीं लिया गया है

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि बीते छह साल में न तो मुख्यमंत्री और न ही उप मुख्यमंत्री के खिलाफ लगे मुकदमों को वापस लिया गया है।

उन्होंने कहा कि 2016 में अखिलेश यादव ने अपने ऊपर दर्ज मुकदमों को अपने ही हस्ताक्षर से वापस लेने का काम किया था जबकि वो मुकदमा चुनाव आयोग की ओर से दर्ज कराया गया था और उसे बिना आयोग की अनुमति के नहीं हटाया जा सकता था। ये लोग दूसरों को नसीहत देते हैं मगर खुद के कारनामे नहीं देखते। उन्होंने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश में अपराधी सत्ता के सरपरस्त तो थे ही, देशद्रोही आतंकवादियों के मुकदमे भी वापस लिये जाते थे। 

योगी ने सपा शासन के कारनामों का उल्लेख करते हुए कहा कि तब लखनऊ, वाराणसी, बिजनौर, कानपुर, गोरखपुर, रामपुर और बाराबंकी के आतंकी हमलों में शामिल आतंकियों के गंभीर धाराओं के मुकदमों को वापस करने का दु:साहस समाजवादी पार्टी की ओर से किया गया था। उस वक्त उच्च न्यायालय को टिप्पणी करनी पड़ी कि आज आप आतंकियों के मुकदमों को वापस ले रहे हैं कल उन्हें पुरस्कार देने का काम भी करेंगे। 

पहले हर तरफ यूपी की बदनामी हो रही थी
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आज प्रदेश में सुरक्षा का बेहतर वातावरण है। अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर सरकार चल रही है। यूपी देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है। प्रदेश सरकार नेक नीयत से सारे कार्य कर रही है। उन्होंने अखबारों का हवाला देते हुए कहा कि पहले यूपी में बेबस मुख्यमंत्री हुआ करता था। हर तरफ प्रदेश की बदनामी हो रही थी। पुलिस पर अपराधी भारी थे, 700 से अधिक दंगे हुए थे। यही कारण था कि प्रदेश में कोई आना नहीं चाहता था। यहां लगातार उपद्रव का माहौल था।

मुख्यमंत्री ने एनसीआरबी का डेटा प्रस्तुत करते हुए बताया कि यूपी में डकैती, लूट, हत्या, बलवा, फिरौती, बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों में भारी गिरावट आई है। उन्होंने बताया कि आज पुलिस भर्ती में महिलाओं की संख्या बढ़ाई गयी है। तीन महिला पीएसी बटालियन की स्थापना हुई है। प्रदेश के हर थाना, चौकी, पुलिस लाइन में अच्छे बैरक बनाये जा रहे हैं। प्रदेश दंगामुक्त हुआ है। साथ ही हर रेंज में साइबर क्राइम थाना की स्थापना की जा रही है। इसके अलावा जेलों की व्यवस्था में भी व्यापक सुधार हुए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में जबरन धर्म परिवर्तन को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में लाकर प्रभावी कार्रवाई की जा रही है।

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