पीएफआई ने भारत के युवाओं को आतंकी संगठनों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया: एनआईए

नई दिल्ली. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कहा है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India- PFI) के केरल के पदाधिकारियों ने भारत में इस्लामिक शासन कायम करने के लिए युवाओं को लश्कर-ए-तैयबा, ISIS, अल-कायदा जैसे आतंकी संगठनों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया है. NIA ने केरल की एक स्पेशल कोर्ट में पेश रिमांड कॉपी में ये रहस्य उजागर किया है. NIA ने ये भी कहा कि पीएफआई के सदस्य विभिन्न समुदायों के लोगों के बीच वैमनस्य की आग भड़काने के साथ ही कई नेताओं की हिटलिस्ट बनाने जैसे अवैध कामों में शामिल थे.

गौरतलब है गुरुवार को 15 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में एक समन्वित अभियान में एनआईए, ईडी और राज्यों की पुलिस ने देश भर में एक साथ छापेमारी की जो लगभग 3 बजे शुरू हुई और दोपहर 2 बजे तक जारी रही. एनआईए ने खुद 300 अधिकारियों के साथ 93 स्थानों पर छापेमारी की और पीएफआई के 45 नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया. जिनमें इसके कुछ शीर्ष नेता भी शामिल थे.

बार एसोसिएशन की पीएफआई पर बैन की मांग
15 राज्यों में कई स्थानों पर पीएफआई के खिलाफ बड़ी कार्रवाई के बाद ऑल इंडिया बार एसोसिएशन (एआईबीए) ने केंद्र सरकार से बिना किसी देरी के पीएफआई पर तत्काल प्रतिबंध लगाने और पीएफआई से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतें बनाने का आग्रह किया है. जबकि पश्चिम बंगाल में नबन्नो चलो अभियान के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं पर हुई हिंसा की जांच करने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा नियुक्त 5 सदस्यीय समिति आज अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.

पुणे में पीएफआई कार्यकर्ता गिरफ्तार
महाराष्ट्र के पुणे शहर में जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर कल ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए गए थे. जहां पीएफआई के कार्यकर्ता अपने संगठन के खिलाफ हाल ही में ईडी-सीबीआई-पुलिस की छापेमारी के खिलाफ एकत्र हुए थे. कुछ कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया था, उन्हें आज सुबह गिरफ्तार कर लिया गया.

दिल्ली की अदालत ने पीएफआई नेताओं को ईडी की हिरासत में भेजा
दिल्ली की एक विशेष अदालत ने परवेज अहमद (अध्यक्ष, पीएफआई दिल्ली), मोहम्मद इलियास (पीएफआई दिल्ली का महासचिव) और अब्दुल मुकीत (कार्यालय सचिव, पीएफआई, दिल्ली) को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की 7-दिन की हिरासत में रखकर पूछताछ की अनुमति दी है. इनसे नकद दान की आड़ में मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में शामिल होने के संबंध में पूछताछ की जाएगी. ईडी ने कहा कि उनके परिसरों से जब्त किए गए मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच भी उनकी मौजूदगी में की जानी चाहिए.

ईडी का कहना है कि परवेज अहमद ने जानबूझकर सही तथ्यों का खुलासा नहीं किया और पीएमएलए, 2002 की धारा 50 के तहत अपने बयान दर्ज करने के दौरान जांच अधिकारी को गुमराह करने की कोशिश की. ईडी ने कहा कि 2018 में दर्ज एक मामले में पीएफआई के खिलाफ पीएमएलए की जांच से पता चला है कि पिछले कुछ वर्षों में पीएफआई और संबंधित संस्थाओं के खातों में 120 करोड़ रुपये से अधिक जमा किए गए हैं. इसका एक बहुत बड़ा हिस्सा नकद में जमा किया गया है.

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