प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के सांसदों के साथ की मंत्रणा

आगामी चुनाव को लेकर भाजपा की रणनीति तय करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के सांसदों के साथ बैठक की। इस बैठक में 36 सांसदों के सम्मिलित होने की सूचना है। खास बात यह है कि बैठक में सांसद व मंत्री अजय मिश्र टेनी नहीं दिखाई दिए। गौरतलब है कि लखीमपुर हिंसा को लेकर अजय मिश्र टेनी को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। विपक्ष उनकी बर्खास्तगी की मांग कर रहा है, वहीं मीडिया के साथ बदसलूकी का वीडियो सामने आने के बाद पार्टी को काफी नुकसान पहुंचा है। 

पीएम की बैठक में लोकसभा व राज्यसभा के सांसद मौजूद रहे। इसके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी रहे। प्रधानमंत्री ने बैठक के दौरान सांसदों से आगामी चुनाव को लेकर पूरी ताकत के साथ जुटने को कहा। साथ ही नसीहत भी दी कि कोई भी व्यक्ति पार्टी या संगठन से बड़ा नहीं हो सकता है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने राज्य का फीडबैठ भी सांसदों से लिया। इससे पहले प्रधानमंत्री ने काशी विश्वनाथ कॉरीडोर के उद्दघाटन के बाद भाजपा के मुख्यमंत्रियों के साथ भी बैठक की थी।

टेनी को बताया क्रिमिनल मंत्री
कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने टेनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने को लेकर लोकसभा में मामला उठाने का प्रयास किया। राहुल गांधी ने कहा कि आपके मंत्री ने किसानों को मारा है, उसकी सजा मिलनी चाहिए। हमें इस मुद्दे पर बोलने का अवसर मिलना चाहिए। कुछ सांसदों ने कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया। राहुल गांधी ने टेनी को क्रिमिनल मंत्री तक करार दे दिया। टीएमसी सांसद सुष्मिता देव ने भी कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया। गुरुवार को विपक्ष के सांसद हाथ में ‘हत्यारे मंत्री को बर्खास्त करो’ की तख्तियां लिए भी दिखाई दिए।
 
टेनी को मिली हिदायत और बेपरवाह दिखाई दे रहे हैं मंत्री
बुधवार 15 दिसंबर को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने मीडिया के साथ लखीमपुर खीरी में बदसलूकी की थी। खबर है कि इसके लिए उन्हें भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से कड़ी हिदायत मिली है। 16 दिसंबर को जब संसद में विपक्षी सांसद उनसे जुड़े मामले को उठा रहे थे, तो उस समय टेनी केंद्रीय गृह मंत्रालय के अपने दफ्तर में बैठे थे। वह कुछ फाइलें और कामकाज निपटा रहे थे। बाद में उन्होंने फेसबुक पर एक वीडियो भी अपलोड किया। इस वीडियों में टेनी कहते नजर आ रहे हैं कि किस तरह से प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री ने अपराधिक मामलों में सबूतों को जुटाने पर विशेष ध्यान दिया है। अब फॉरेंसिक जांच समेत अन्य को महत्व दिया जा रहा है। ताकि अदालत में मामला कमजोर न पड़ सके। कुल मिलाकर टेनी ने विपक्ष की मांग और मीडिया में चल रही खबरों के सामानांतर खुद को बेपरवाह दिखाने की कोशिश की। संसद में संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी सरकार के रुख में किसी तरह के बदलाव का संकेत नहीं दिया। उन्होंने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से चर्चा के लिए तैयार होने से साफ इनकार किया। प्रह्लाद जोशी ने कहा कि लखीमपुर खीरी प्रकरण पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई चल रही है। इसलिए इस पर संसद में चर्चा कराने का कोई औचित्य नहीं है।  

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