पद्म श्री प्रोफेसर राधामोहन के निधन पर PM मोदी ने जताया शोक

प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और अर्थशास्त्र में सेवानिवृत्त प्रोफेसर पद्म श्री राधामोहन के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख व्यक्त किया. पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि प्रोफेसर राधामोहन विशेष रूप से स्थायी और जैविक प्रथाओं को अपनाने के प्रति बेहद जुनूनी. उन्हें अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी से संबंधित विषयों पर उनके ज्ञान के लिए भी सम्मानित किया गया था. पीएम ने कहा कि वह उनके निधन से दुखी हैं, उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना.

प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और अर्थशास्त्र में सेवानिवृत्त प्रोफेसर पद्म श्री राधामोहन का भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया. राधामोहन 78 वर्ष के थे. उन्हें सांस संबंधी परेशानी के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था क्योंकि वह अस्थमा से भी पीड़ित थे. अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि रात करीब 12 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, आंध्र प्रदेश के राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन, ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया.

राधामोहन और उनकी बेटी साबरमती को कृषि क्षेत्र में उनके योगदान के लिए 2020 में देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया. बाप-बेटी की जोड़ी को जैविक खेती तकनीक के माध्यम से बंजर भूमि के एक टुकड़े को फलों के जंगल में बदलने के लिए जाना जाता है. वे देश भर के किसानों को स्थायी जैविक खेती करने में सक्षम बना रहे थे.
किसानों को देते थे खेती की जानकारी

सेवानिवृत्त प्रोफेसर ने जैविक खेती और बीजों के आदान-प्रदान के बारे में किसानों को शिक्षित करने के उद्देश्य से एक सामाजिक संगठन ‘संवब’ भी खोला था. ओडिशा सरकार ने उन्हें उनकी उत्कृष्ट सामाजिक सेवा के लिए उत्कल सेवा सम्मान से भी नवाजा था. इसी तरह, यूएनईपी ने पर्यावरण के लिए उनके विशिष्ट कार्य के लिए ‘द ग्लोबल रोल ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया था.

1943 में नयागढ़ जिले के एक छोटे से गांव में जन्मे राधामोहन पुरी के एससीएस कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक किया था और 1965 में उत्कल विश्वविद्यालय से अनुप्रयुक्त अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की थी. ओडिशा सरकार ने उन्हें राज्य सूचना आयुक्त नियुक्त किया था. उन्होंने ओडिशा के विभिन्न कॉलेजों में लेकचरर के रूप में भी काम किया था.

राधामोहन ने राज्य योजना बोर्ड, सलाहकार समिति, राज्य वाटरशेड मिशन, शिक्षा पर कार्य बल, राज्य वन्यजीव सलाहकार समिति, एनएसएस सलाहकार समिति, संयुक्त वन प्रबंधन पर संचालन समिति के सदस्य के रूप में भी काम किया था. वह राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य भी थे.

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