पीएम मोदी ने वडोदरा में सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग प्लांट की आधारशिला रखी

गुजरात दौरे के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वडोदरा पहुंच चुके हैं। इस दौरान उन्होंने रोड शो किया, जहां प्रधानमंत्री का भव्य स्वागत किया गया। तय कार्यक्रम के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुजरात के वडोदरा में सेना के लिए सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट प्लांट की आधारशिला रखेंगे। यानी कि देश का पहला मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्रॉफ्ट गुजरात के इसी प्लांट में बनकर तैयार होगा। 

कार्यक्रम स्थल पहुंचे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के वडोदरा में कार्यक्रम स्थल पर पहुंच चुके हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, टाटा संस के चेयरपर्सन एन चंद्रशेखरन और शहरी कार्यकारी उपाध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्मृति चिन्ह भेंट किया। 

देश में पहली बार कोई प्राइवेट कंपनी किसी विमान को बनाने जा रही है। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि टाटा एयरबस इन एयरक्रॉफ्ट का निर्माण करेगी। रक्षा सचिव अरमानी गिरिधर के मुताबिक, टाटा एयरबस 40 एयरक्रॉफ्ट के अलावा, वायु सेना की जरूरत और ट्रांसपोर्टेशन के आधार पर अतिरिक्त एयरक्रॉफ्ट का भी निर्माण करेगी। 

पिछले साल हुआ था करार 
बीते साल, सितंबर 2021 में भारतीय वायुसेना ने यूरोप की एयरबस के साथ करार किया था। इस करार के तहत 40 एयरक्राफ्ट का निर्माण भारत में ही टाटा कंपनी के साथ मिलकर निर्माण किया जाना तय हुआ था। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया, एयरक्राफ्ट के निर्माण में 96 हिस्सेदारी भारत की होगी।  

2026 से 31 तक होगी आपूर्ति
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, भारत में बने विमानों की आपूर्ति 2026 से 2031 के बीच होगी। वहीं पहले के 16 विमान 2023 से 2025 के बीच आएंगे। भारतीय वायु सेना के वाइस चीफ एयर मार्शल संदीप सिंह ने बताया, यह डील पूरी होने के बाद भारतीय वायु सेना C-295 परिवहन विमान की सबसे बड़ी ऑपरेटर बन जाएगी। रक्षा सचिव अरमानी गिरिधर ने बताया कि इन एयरक्रॉफ्ट के निर्माण में हमारी कोशिश यही होगी कि जो कुछ हो, उसका निर्माण भारत में ही करने का प्रयास किया जाए। 

भारतीय बाजार में अपार संभावनाएं 
टाटा-एयरबस प्रोजेक्ट पर मारुति सुजुकी के एमडी हिसाशी ताकेची ने कहा, भारत एक बढ़ता हुआ बाजार है और यहां व्यापार की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा, किसी भी कंपनी के लिए भारतीय बाजार में आना एक बुद्धिमानी भरा निर्णय होगा। उन्होंने आगे कहा, हम भारत-जापान सहयोग की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। दोनों देशों के बीच विकास का हमारा एक लंबा इतिहास रहा है। बुलेट ट्रेन परियोजना पर उन्होंने कहा, गुजरात में बुलेट ट्रेन एक बहुत ही महत्वपूर्ण परियोजना है। यह एक राष्ट्रीय परियोजना है और जापान इसका पुरजोर समर्थन कर रहा है। मुझे उम्मीद है कि यह एक बड़ी सफलता साबित होगी। 

PM ने C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग प्लांट की नींव रखी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वडोदरा में C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग प्लांट की आधारशिला रखी। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा, यहां बनने वाले ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट न केवल हमारी सेना को ताकत देंगे, बल्कि एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग में एक नया इकोसिस्टम भी विकसित करेंगे। जल्द ही भारत मेक इन इंडिया टैग के साथ बनाए जाने वाले पैसेंजर एयरक्राफ्ट का भी गवाह बनेगा। 

उन्होंने आगे कहा, आज भारत सबसे तेजी से विकसित होने वाले विमानन क्षेत्रों (एविएशन सेक्टर) में से एक है। हम जल्द ही एयर ट्रैफिक के मामले में शीर्षद तीन देशों की सूची में प्रवेश करने वाले हैं। आने वाले दस से पंद्रह वर्षों में भारत को दो हजार से ज्यादा यात्री और कार्गो विमानों की जरूरत होगी। यह दिखाता है कि हम कितनी तेजी से विकास कर रहे हैं। 

‘प्रगति का मुख्य पहलू सोच में बदलाव’
प्रगति का एक मुख्य पहलू मानसिकता का परिवर्तन है। सरकारें लंबे समय से इस मानसिकता के साथ काम कर रही थीं कि केवल सरकार ही सबकुछ जानती है और उन्हें ही सबकुछ करना चाहिए। इस मानसिकता ने देश की प्रतिभाओं को दबा दिया और निजी क्षेत्र को नहीं बढ़ने दिया। 

प्रधानमंत्री ने पिछली सरकारों पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, पिछली सरकारों में भी समस्याओं से बचने और कुछ सब्सिडी के साथ विनिर्माण क्षेत्र को जीवित रखने की मानसिकता थी। इस मानसिकता के कारण भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को घाटा हुआ। न तो कोई ठोस नीति थी, न ही रसद और न ही बिजली-पानी की आपूर्ति की जरूरी जिम्मेदारी।  मोदी ने आगे कहा, अब भारत नई मानसिकता और नई कार्य संस्कृति के सात काम कर रहा है। हमने काम चलाऊ फैसलों को छोड़ दिया.. आज हमारी नीति स्थित, अनुमानित और भविष्यवादी हैं। 

‘आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में मील का पत्थर’
वहीं, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, यह सिर्फ एक आधारशिला नहीं है, बल्कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत बनने की यात्रा में एक मील का पत्थर है। इस फैसिलिटी में C-295 एयरक्राफ्ट बेहतर क्षमताओं और वैश्विक मानकों के साथ अत्याधुनिक विमान होंगे। यह भारतीय वायुसेना की लॉजिस्टिक क्षमता को बढ़ाएगा। 

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