पीएम मोदी आज लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर देंगे जवाब

मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ संसद में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर पीएम मोदी आज जवाब देंगे। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने एक दिन पहले इसकी पुष्टि की थी। बता दें, अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का आज तीसरा दिन है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस दौरान पीएम मोदी विपक्ष पर हमलावर हो सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शाम चार बजे पीएम मोदी सदन में अपनी बात रखेंगे।

रक्षा मंत्री और सांसद राजनाथ सिंह ने बुधवार को बताया कि पीएम मोदी 10 अगस्त को संसद में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। इस दौरान पीएम मोदी विपक्ष द्वारा एनडीए सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देंगे। बता दें, 26 जुलाई को मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जिसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वीकार कर लिया था। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने मंगलवार को प्रस्ताव पर बहस शुरू की थी।

यह होता है अविश्वास प्रस्ताव
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि मोदी सरकार सदन में विश्वास नहीं खोएगी। क्योंकि एनडीए के अलावा भाजपा के पास सदन में पूर्ण बहुमत है। बता दें, 50 सांसदों के समर्थन के साथ कोई भी लोकसभा सांसद अविश्वास प्रस्ताव पेश कर सकता है। अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार किए जाने के बाद सदन में चर्चा की जाती है। विपक्ष सदन में सरकार की कमियों को गिनाते हैं। सत्ता पक्ष के सांसद इसपर जवाब देते हैं। अंत में मतदान किया जाता है। यदि अविश्वास प्रस्ताव सफल हो जाता है तो सरकार गिर जाती है।

भाजपा के खिलाफ दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव पेश
एनडीए के कुल 331 सांसद हैं। इनमें से 303 सांसद भाजपा के हैं। वहीं विपक्षी खेमें में सिर्फ 144 सांसद ही हैं। वहीं, अन्य 70 सांसद हैं। मोदी सरकार को दूसरी बार संसद में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जाएगा। सरकार के खिलाफ पहला प्रस्ताव आंध्र प्रदेश के मुद्दे पर 2018 में पेश किया गया था।

अमित शाह ने गिनाए पीएम मोदी के काम
अमित शाह ने एक दिन पहले अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ जवाब देते हुए सदन में कहा कि मैं पूरे देश को बताना चाहता हूं, प्रधानमंत्री ने हिंसा की खबरें देखते ही मुझे रात में चार बजे और अगली सुबह साढ़े छह फोन किया। और विपक्ष कहता है कि मोदी जी को बिल्कुल चिंता नहीं है। हमने तीन दिन तक लगातार काम किया। 16 वीडियो कॉन्फ्रेंस की। 36,000 सीएपीएफ कर्मियों को तुरंत राज्य में भेजा। वायुसेना के विमानों का इस्तेमाल किया। मुख्य सचिव और डीजीपी को बदल दिया। सूरत से नये सलाहकार को भेजा। सब कुछ चार मई को ही किया गया। हिंसा शुरू होने के चौबीस घंटों के अंदर कार्रवाई की गई।

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