नेतन्याहू गाजा पर परमाणु हमले के ‘विकल्प’ पर भड़के, इस्राइली मंत्री को निलंबित किया

आतंकी संगठन- हमास के ठिकानों पर गत एक महीने से सैन्य कार्रवाई हो रही है। इस्राइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू गाजा में इस्राइल डिफेंस फोर्सेज (IDF) को कार्रवाई के आदेश दे चुके हैं। खबर के अनुसार, पीएम नेतन्याहू गाजा पर परमाणु हमले को ‘एक विकल्प’ बताने वाले मंत्री को बर्खास्त कर दिया है। नेतन्याहू ने बैठक में परमाणु हमले पर चर्चा का प्रस्ताव देने वाले मंत्री को निलंबित कर दिया।

इस्राइल की परमाणु नीति को लेकर सरकार में शामिल धुर दक्षिणपंथी ओत्ज़मा येहुदित पार्टी के इस्राइली मंत्री एलियाहू ने कहा कि हमास शासित गाजा पट्टी पर परमाणु बम गिराना “एक विकल्प” था। हालांकि, सरकारी बैठकों में परमाणु हमले की चर्चा से नाराज प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंत्री को अनिश्चितकाल के लिए निलंबित कर दिया।

परमाणु हमला भी “एक विकल्प”?
नेतन्याहू के सामने परमाणु हमले की चर्चा के बारे में एक रेडियो साक्षात्कार में, विरासत और येरूशलम मामलों के मंत्री अमीचाई एलियाहू ने कहा कि “गाजा में कोई गैर-लड़ाकू नहीं हैं।” उन्होंने कहा कि गाजा पट्टी को मानवीय सहायता प्रदान करना “विफलता” होगी। जब उनसे पूछा गया कि क्या उनके विचार में गाजा में कोई गैर-लड़ाके नहीं हैं तो क्या गाजा पट्टी पर परमाणु हमला भी “एक विकल्प” है? इस पर एलियाहू ने जवाब दिया, “यह एक तरीका है।”

विवाद होने पर बचाव में कहा, प्रतीकात्मक टिप्पणी
उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणियों से सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्षी सदस्य क्रोधित हो गए और उन्हें सरकार से बर्खास्त करने की मांग उठने लगी। हंगामे के बाद एलियाहू अपने बयान से पीछे हट गए और इसे “प्रतीकात्मक” टिप्पणी बताया।

आतंक के खिलाफ कैसी नीति?
उन्होंने कहा, किसी भी दिमाग वाले व्यक्ति के लिए यह स्पष्ट है कि परमाणु के बारे में टिप्पणी प्रतीकात्मक थी। हमें वास्तव में आतंक के प्रति एक सशक्त और असंगत प्रतिक्रिया प्रदर्शित करनी चाहिए। एलियाहू ने कहा कि इससे नाजियों और उनके समर्थकों को साफ संदेश मिलेगा कि आतंकवाद सार्थक नहीं है। यही एकमात्र सूत्र है जिससे लोकतंत्र आतंक से निपट सकता है।

नाराज प्रधानमंत्री ने क्या कहा?
एलियाहू ने तनाव कम करने के लिए कहा, यह स्पष्ट है कि इस्राइल बंदियों को जीवित और अच्छे स्वास्थ्य में वापस लाने के लिए सब कुछ करने के लिए बाध्य है।” खबरों के अनुसार, प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने एलियाहू को सरकारी बैठकों से अनिश्चितकाल के लिए निलंबित कर दिया। पीएमओ से जारी बयान में कहा गया है कि एलियाहू युद्धकालीन निर्णय लेने में शामिल सुरक्षा कैबिनेट का हिस्सा नहीं है, न ही उसका इस्लामवादी हमास के खिलाफ युद्ध का निर्देशन करने वाली युद्ध कैबिनेट पर प्रभाव है।

नेतन्याहू ने टिप्पणी को “वास्तविकता से अलग” कहा। प्रधानमंत्री ने कहा, “इस्राइल और आईडीएफ (इस्राइल रक्षा बल) गैर-शामिल लोगों को नुकसान से बचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून के उच्चतम मानकों के अनुसार काम कर रहे हैं। हम जीत तक ऐसा करना जारी रखेंगे।”

रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने एलियाहू के बयानों को “निराधार” कहा और कहा कि यह “अच्छा है कि ऐसे लोग इस्राइल की सुरक्षा के प्रभारी लोग नहीं हैं।” विपक्षी नेता यायर लैपिड ने भी एलियाहू की टिप्पणियों को “एक गैर-जिम्मेदार मंत्री की भयावह और पागलपन भरी टिप्पणी” बताया।

लैपिड ने कहा कि एलियाहू ने (241 गाजा) बंदियों के परिवारों को नाराज किया। उन्होंने इस्राइली समाज को नाराज किया और हमारी अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया। सरकार में चरमपंथियों की मौजूदगी हमें और हमास को हराने और बंधकों को वापस करने के युद्ध लक्ष्यों की सफलता को खतरे में डालती है। नेतन्याहू को उन्हें बर्खास्त करना चाहिए।

पर्यवेक्षकों का मानना है कि गाजा में मरने वालों की संख्या बढ़ने के कारण इस्राइल अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दबाव में आ रहा है। इस तरह की टिप्पणियां उसके “आत्मरक्षा के अधिकार” के लिए समर्थन बनाए रखने के प्रयासों को नुकसान पहुंचाती हैं। इस्राइल ने विश्व स्तर पर समर्थन जुटाने के लिए बड़े पैमाने पर कूटनीतिक प्रयास शुरू किया है। विदेश मंत्री एली कोहेन ने दुनिया भर में देश के मिशनों को निर्देश दिया है कि वे 7 अक्तूबर को हमास के कायरतापूर्ण कृत्यों के बाद पैदा हुए भयानक दृश्यों को सांसदों और सामाज के सामने प्रदर्शित करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here