भारत सरकार की टीम ने भी घोषित और अघोषित शत्रु संपत्ति की छानबीन शुरू कर दी है। इसी क्रम में तीन सदस्यीय टीम ने बृहस्पतिवार को मऊआइमा का निरीक्षण किया। हालांकि, स्थानीय प्रशासन सिर्फ दो बीघे शत्रु संपत्ति का विवरण दे पाया। जबकि, लेखपालों एवं ग्रामीणों ने आसपास के क्षेत्रों में बड़ी संख्या में शत्रु संपत्ति होने की बात कही। इस बाबत जिला प्रशासन से सर्वे एवं जांच कराके डिटेल मांगी गई हैं।
प्रदेश सरकार ने शत्रु संपत्ति का विवरण तैयार करने और उन्हें अवैध कब्जा से मुक्त कराने का आदेश दिया है। इसी क्रम में प्रारंभिक सर्वे के आधार पर जिले में 120 शत्रु संपत्ति पाई गई, जो करीब 100 बीघे है। सदर, सोरांव, करछना में शत्रु संपत्तियों की संख्या अधिक है। मऊआइमा में बड़ी संख्या में अघोषित शत्रु संपत्ति होने की बात कही जा रही है।
तहसील प्रशासन ने मऊआइमा के बैरहना मोहल्ले में छह दिसंबर दो बीघे जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया था। बुलडोजर चलाकर अवैध निर्माण भी ध्वस्त कराए गए थे। इसी क्रम में गृह विभाग के निर्देश पर केंद्रीय टीम में शामिल शत्रु संपत्ति के चीफ सर्वेयर कर्नल राजीव कुमार यादव, सर्वेयर राजेंद्र कुमार एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रभारी अशोक कुमार ने क्षेत्र का निरीक्षण किया। इस दौरान स्थानीय अफसर भी मौजूद रहे।
स्थानीय अफसरों ने मऊआइमा में दो बीघे शत्र संपत्ति होने की बात कही। संबंधित कागजात भी उपलब्ध कराए। केंद्रीय टीम के सदस्यों ने शत्रु संपत्ति पर सरकारी बोर्ड लगाने के निर्देश दिए। ताकि, दोबारा कब्जा न होने पाए। इसके विपरीत लेखपालों एवं ग्रामीणों ने पास के ही दो गांवों में बड़ी संख्या में शत्रु संपत्ति होने की बात कही। हालांकि, वे किसी तरह का साक्ष्य उपलब्ध नहीं करा पाए। पाकिस्तान जाने वालों का नाम भी नहीं पता पाए।
टीम में शामिल अशोक कुमार का कहना है कि स्थानीय प्रशासन ने कुछ संपत्तियों के दस्तावेज उपलब्ध कराए हैं। अन्य के भी साक्ष्य मांगे गए हैं। संपत्तियों का विवरण मिलने के साथ आगे की कार्रवाई की जाएगी। उनका कहना है कि पूरी रिपोर्ट गृह विभाग को भेजी जाएगी। वहीं सीआरओ कुंवर पंकज का कहना है कि मऊआइमा में दो बीघे ही शत्रु संपत्ति मिली है। फिलहाल निरीक्षण के दौरान कोई दूसरी शत्रु संपत्ति नहीं मिली। सर्वे कराया जा रहा है। कहीं और शत्रु संपत्ति है तो विवरण तैयार कर उन्हें कब्जा मुक्त कराया जाएगा।
एलआईयू समेत अन्य एजेंसियों की ली जाएगी मदद
शत्रु संपत्ति का सर्वे कराया जा रहा है। फिलहाल तहसीलों में उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर इनका विवरण तैयार किया जा रहा है। लोगों से भी इस बाबत जानकारी एकत्र की जा रही है। इसी क्रम में शत्रु संपत्ति की खोजबीन में एलआईयू, राजस्व परिषद समेत अन्य एजेंसियों की भी मदद ली जाएगी।
तीन-चार दिनाें में फिर आएगी टीम
शत्रु संपत्ति को अवैध कब्जा से मुक्त कराने को लेकर केंद्रीय गृह विभाग भी गंभीर है। इसी क्रम में सर्वे के लिए केंद्रीय टीम लगातार प्रयागराज आएगी। अगला निरीक्षण सोमवार या मंगलवार को संभावित है।