पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के उम्मीदवार के संभावित विकल्प के रूप में उनका नाम आने के साथ ही इस मामले पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी। गांधी 2017 में भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए सर्वसम्मति से विपक्षी उम्मीदवार थे, लेकिन चुनाव में एम वेंकैया नायडू से हार गए थे।
कुछ विपक्षी नेताओं ने गांधी से फोन पर बात की
सूत्रों ने कहा कि कुछ विपक्षी नेताओं ने गांधी से फोन पर बात की और उनसे राष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार होने के उनके अनुरोध पर विचार करने का आग्रह किया। राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के उम्मीदवार के संभावित विकल्प के रूप में उनके नाम के बारे में पूछे जाने पर गांधी ने पीटीआई से कहा कि इस पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी।
सूत्रों के अनुसार, 2004 से 2009 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे गांधी ने इन नेताओं से उनके अनुरोध का जवाब देने के लिए कुछ समय मांगा है। 77 वर्षीय पूर्व नौकरशाह ने दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त के रूप में भी काम किया है। वह महात्मा गांधी और सी राजगोपालाचारी के पोते हैं। इसके अलावा बुधवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष की पसंद पर विचार करने के लिए विभिन्न विपक्षी दलों के साथ बैठक की।
कुछ नेताओं ने राकांपा संरक्षक शरद पवार के नाम का प्रस्ताव रखा था, लेकिन दिग्गज नेता ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। रामनाथ कोविंद के उत्तराधिकारी का चुनाव 18 जुलाई को होगा। कोविंद ने पिछले राष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार मीरा कुमार को हराया था।