पूर्व केंद्रीय मंत्री व झारखंड के हजारीबाग से भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के साझा प्रत्याशी व अपने पिता यशवंत सिन्हा को वोट देने को लेकर असमंजस खत्म कर दिया है। उनसे लगातार इस बारे में सवाल किए जा रहे थे। बढ़ती कयासबाजी को लेकर जयंत सिन्हा ने खुद ट्वीट कर अपनी बात स्पष्ट कर दी है।
पूर्व केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा बहुत सधे व स्पष्ट रूप से अपनी बात कहने वाले भाजपा नेता हैं। मंगलवार को जब विपक्ष ने उनके पिता व पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति चुनाव के मैदान में उतारा तो मीडिया व सियासी लोगों ने उनके वोट को लेकर अटकलें लगाना शुरू कर दी थी। ऐसे में उन्होंने अविलंब अपनी बात साफ कर दी कि वे पिता की बजाए पार्टी को तवज्जो देंगे।
सिन्हा 2014 के लोकसभा चुनाव में इसी सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे। तब उन्हें मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री भी बनाया गया था। हालांकि, 2019 में भी वह यहां से फिर जीते लेकिन उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया। यशवंत सिन्हा मोदी सरकार के कटु आलोचक बनकर उभरे हैं। ऐसे में जयंत सिन्हा से सवाल किया जा रहा था कि वे आगामी राष्ट्रपति चुनाव में किसे वोट देंगे?
चुनाव को पारिवारिक मुद्दा न बनाएं
इस पर जयंत सिन्हा ने स्पष्ट किया कि वे भाजपा सांसद के नाते संवैधानिक जिम्मेदारियों को निभाएंगे। सिन्हा ने ट्वीट किया, ‘मैं सभी से अपील करता हूं कि मुझे एक बेटे के तौर पर न देखें और न ही इसे पारिवारिक मुद्दा बनाएं। मैं बीजेपी कार्यकर्ता हूं और हजारीबाग से सांसद हूं। मैं अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी को समझता हूं और उन्हें निभाऊंगा।’
18 जुलाई को राष्ट्रपति का चुनाव होना है। केंद्र में सत्तारूढ़ एनडीए ने द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया है। वहीं, साझा विपक्ष ने यशवंत सिन्हा को। वैसे यशवंत सिन्हा खुद भी भाजपा में रहे हैं। 2018 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।