नई दिल्ली: विपक्षी दलों की ओर से मंगलवार को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर हुई बैठक में अहम फैसला हुआ. सूत्रों के अनुसार, इसमें सर्वसम्मति से यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) को विपक्षी दलों की ओर से राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाने का फैसला किया गया. माना जा रहा है कि यशवंत सिन्हा 27 जून को अपना नामांकन दाखिल करेंगे.
गौरतलब है कि विपक्षी दलों की पिछली बैठक में एनसीपी प्रमुख शरद पवार का नाम भी तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी की ओर से प्रस्तावित किया गया था, लेकिन पवार ने दावेदारी स्वीकार करने से इनकार कर दिया था. इसके अलावा गोपाल कृष्ण गांधी का नाम भी आया था. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि यशवंत सिन्हा के कंपेन को आगे बढ़ाने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है. वरिष्ठ कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम चाहते हैं कि ऐसा प्रत्याशी सामने रखा जाए जो लोकतंत्र की रक्षा कर सके. खड़गे ने आरोप लगाया कि सरकार ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए आम सहमति बनाने का कोई गंभीर प्रयास नहीं किया.
उल्लेखनीय है कि पिछले हफ्ते केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने मल्लिकार्जुन खड़गे, अखिलेश यादव समेत कई विपक्षी नेताओं के साथ संपर्क साधा था. बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी कई विपक्ष के नेताओं से बातचीत की थी. हालांकि तब भी सरकार की ओर से कोई नाम विपक्ष के सामने नहीं रखा गया था. सत्तारूढ़ बीजेपी की ओर से अभी भी कोई अधिकृत नाम राष्ट्रपति पद के लिए नहीं पेश किया गया है.
सूत्रों का कहना है कि विपक्षी दलों की इस बैठक में 13 दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे. इसमें कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस समेत तमाम दल के प्रतिनिधि थे. विपक्ष का कहना है कि आम राय से राष्ट्रपति का चुनाव किया जाए. मंगलवार शाम को बीजेपी संसदीय दल की बैठक भी होनी है, अब देखना होगा कि क्या सत्तारूढ़ दल की ओऱ से आज ही किसी नाम पर मुहर लगती है. नाम तय होने से पता चलेगा कि यशवंत सिन्हा के मुकाबले सरकार की ओर से किसे पेश किया जाता है.
इससे पहले य़शवंत सिन्हा को तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, इसके बाद से अटकलें लगाई जा रही थीं कि उन्हें प्रेसिडेंट पद के लिए विपक्ष का प्रत्याशी घोषित किया जा सकता है. विपक्ष ने संयुक्त बयान ने कहा, राष्ट्रपति चुनाव के लिए कायम हुई विपक्षी दलों की एकता आने वाले महीनों में और मजबूत होगी. विपक्ष के बयान में कहा गया है कि हम भाजपा और उसके सहयोगियों से राष्ट्रपति के रूप में यशवंत सिन्हा का समर्थन करने की अपील करते हैं ताकि हम एक योग्य ‘राष्ट्रपति’ को निर्विरोध निर्वाचित कर सकें.
रमेश ने संयुक्त विपक्ष का बयान पढते हुये कहा कि हमें खेद है कि मोदी सरकार ने राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर आम सहमति बनाने के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं किया. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति पद के लिए साझा विपक्ष के उम्मीदवार चुने गए, वह भारत के धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक ताने-बाने को बनाए रखने के लिए योग्य हैं.