दिल्ली में शराब की प्राइवेट दुकानों पर लगने वाली लंबी-लंबी लाइनें खत्म होने वाली हैं. नवंबर के मध्य से नई आबकारी नीति लागू होने के साथ, राष्ट्रीय राजधानी में शराब की कमी देखी जा रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि दिल्ली सरकार नई आबकारी नीति लागू करने वाली है. इसके कारण 1 अक्टूबर से सभी प्राइवेट शराब की दुकानें बंद हो जाएंगी. इस दौरान सिर्फ सरकारी दुकानों पर शराब मिलेगी. इसलिए सरकारी शराब की दुकानों को दिल्ली सरकार की ओर से पर्याप्त मात्रा में स्टॉक रखने को कहा गया है. दिल्ली में कुल 850 शराब की दुकानों में से केवल दिल्ली सरकार की एजेंसियों द्वारा संचालित शराब दुकानें 16 नवंबर तक खुली रहेंगी.
खुली बोली के जरिए लाइसेंस हासिल करने वाले नए लोग 17 नवंबर से बाजार में आएंगे और 850 दुकानों का संचालन करेंगे. शराब के लिए अभी से दिल्ली में कमी देखने को मिल रही है.
स्टॉक रखने का आदेश
आबकारी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शराब की कमी न हो इसके लिए कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा, “यह डेढ़ महीने का परिवर्तनकाल है जिसके बाद चीजें सामान्य हो जाएंगी. हमने पहले ही 16 नवंबर तक शराब की दुकान चलाने वाली सरकारी एजेंसियों को मांग के मुताबिक स्टॉक रखने को कहा है.”
शराब की हो सकती है कमी
शराब की कई दुकानों पर अभी से कमी है. आने वाले हफ्तों में यह संकट और भी विकराल होगा क्योंकि त्योहारी सीजन से पहले अक्टूबर और नवंबर के महीनों में ही मांग बढ़ेगी.
क्या है नई आबकारी नीति
दिल्ली सरकार ने जुलाई महीने में अपनी नई शराब नीति सार्वजनिक की है, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी में शराब की दुकानों का समान वितरण करने का प्रावधान है. नीति ने खुद ही स्पष्ट कर दिया कि सरकार अपने अंडरटेकिंग के जरिए शराब बेचने के धंधे से बाहर हो जाएगी. शराब की दुकानों के समान वितरण में प्रत्येक नगरपालिका वार्ड में कम से कम दो वातानुकूलित दुकानें, पांच सुपर-प्रीमियम स्टोर और इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 10 स्टोर शामिल हैं. सरकार का कहना है इससे ओवर चार्जिंग रुकेगी.