अमौसी हवाई अड्डे पर प्रियंका – जयंत की मुलाकात

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव पास आते ही यहां का राजनीतिक ताप बढ़ता जा रहा है। अब हर एक मेल और मुलाकात के मायने निकाले जा रहे हैं। रविवार शाम को भी एक ऐसा ही घटनाक्रम हुआ। गोरखपुर में जनसभा करके लौटीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा और लखनऊ में चुनावी घोषणा पत्र जारी कर दिल्ली रवाना हो रहे रालोद मुखिया जयंत चौधरी की राजधानी के चौधरी चरण सिंह हवाईअड्डे पर मुलाकात हो गई।

लखनऊ एयरपोर्ट के वीआइपी लाउंज में मिले दोनों नेताओं प्रियंका गांधी वाड्रा और जयंत चौधरी ने एक-दूसरे का हालचाल जाना। कुछ देर तक उनमें बातचीत भी होती रही। बात किस विषय पर हुई होगी, इसे लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। उल्लेखनीय है कि इसी तरह पिछले दिनों दिल्ली से लखनऊ आते वक्त विमान में प्रियंका और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की भी भेंट-वार्ता हुई थी।

बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ में कांग्रेस की जमीन तैयार करने रविवार को कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा गोरखपुर पहुंची थीं। वहां आयोजित प्रतिज्ञा रैली में महंगाई और निजीकरण के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि हमने रेलवे, हवाई जहाज और सड़कें दीं, लेकिन अब यह सब बिक रहा है। हमारी 70 वर्षों की मेहनत को भाजपा ने सात वर्ष में गवां दिया। बेरोजगारों की नब्ज पर हाथ रखते हुए कहा कि सरकारी क्षेत्र में 10 लाख पद खाली हैं, लेकिन बेराजगारी से परेशान तीन युवा रोजाना आत्महत्या कर रहे हैं। हम सरकार में आए तो 20 लाख युवाओं को नौकरी देेंगे। संविदाकर्मियों को नियमित करने के साथ आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 10 हजार रुपये किया जाएगा।

वहीं लखनऊ में राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने लोक संकल्प पत्र-2022 के नाम से चुनावी घोषणा पत्र जारी किया है, जिसमें सबसे बड़ा दांव उन्होंने युवाओं के लिए चला है। सरकार बनने पर एक करोड़ नौकरियां देने का वादा किया है। जयंत ने घोषणा पत्र जारी करते हुए प्रदेश के एक करोड़ युवाओं को नौकरी देने की बात जोर-शोर से रखी। कहा कि 2017 में शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 70 लाख नौकरी देने का वादा किया और आज होर्डिंग लगा रहे हैं कि चार लाख नौकरियां दीं। रालोद अध्यक्ष ने माना कि इसे लोग असंभव मानेंगे, लेकिन तर्क दिया कि एक करोड़ का मतलब प्रदेश की तीन या चार फीसद आबादी है। इतना भी रोजगार न दे सके तो सरकार पर लानत है।

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