वाराणसी स्थित संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने मंगलवार को कार्यभार ग्रहण कर लिया। इस दौरान कुलपति कार्यालय में उनके साथ पूर्व कार्यवाहक कुलपति प्रो. आनंद त्यागी और पूर्व स्थाई कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी भी मौजूद रहे। नई दिल्ली स्थित श्री लाल बहादुर राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में ज्योतिष विभाग के प्रो. बिहारी लाल को कुलाधिपति ने संस्कृत विश्वविद्यालय का 37वां कुलपति नियुक्त किया है।
पदभार ग्रहण करने के बाद कुलपति ने कहा कि काशी में आना और सेवा का मौका मिलना बहुत बड़ा सौभाग्य है। सभी के सहयोग से विश्वविद्यालय को नई पहचान दिलाने का प्रयास किया जाएगा। आगे कहा कि भारतीय संस्कृति एवं ज्ञान की राजधानी के रूप में वैश्विक स्तर पर स्थापित काशी की लोकप्रियता को और ऊंचाई पर प्रतिस्थापित करने वाली यह देववाणी भाषा संस्कृत की संस्था है।
234 वर्षों से यह देववाणी भाषा संस्कृत के संरक्षण एवं संवर्धन में अनवरत संलग्न है। यहां के सभी आचार्यों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ मिलकर उनके उत्कृष्ट क्षमता के अनुरूप इस संस्था के अभ्युदय एवं गौरव को प्रतिष्ठित किया जाएगा। यही मेरा लक्ष्य है। यहां सभी वर्गों की शक्ति एवं सहयोग से प्रशासनिक कार्यों को आगे बढ़ाया जाएगा। कुलपति प्रो. शर्मा ने कहा कि यहां के प्रवेश कार्य समय पर पूर्ण हो तथा सत्र नियमित करने का प्रयास होगा। पठन-पाठन या अध्ययन-अध्यापन को सुचारू रूप से नियमित व्यवस्थित किया जाएगा। प्रो. बिहारी लाल शर्मा सोमवार को ही सपरिवार काशी पहुंचे थे। उन्होंने काशी विश्वनाथ धाम, काल भैरव मंदिर में दर्शन पूजन किया।