नए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के मुख्यमंत्री धरने पर

चंडीगढ़। कृषि कानून के विरोध में पंजाब में सत्तारुढ़ कांग्रेस शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती पर उनके जन्मस्थान में धरना दे रही है।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ मंत्री, विधायक और कार्यकर्ता भगत सिंह के गांव खटकर कलां में धरने पर बैठ गए हैं। उनके साथ कांग्रेस महासचिव और पंजाब के इंचार्ज हरीश रावत भी धरने में शामिल हैं।
धरना शुरू करने से पहले अमरिंदर सिंह ने भगत सिंह की प्रतिमा के आगे श्रद्धांजलि अर्पित की। पंजाब का इंचार्ज नियुक्त होने के बाद हरीश रावत पहली बार पंजाब दौरे पर आए हैं। इससे पहले वह स्वर्ण मंदिर में माथा टेककर अपने दौरे की शुरुआत करने वाले थे लेकिन ऐन मौके पर कांग्रेस ने योजना बदल दी। पंजाब में कृषि कानून को लेकर उग्र विरोध प्रदर्शन को देखते हुए हरीश रावत ने धरने में शामिल होकर दौरा शुरू किया।


2 अक्टूबर को देशव्यापी आंदोलन की तैयारी
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने बताया, ‘खटकर कलां में उन्हें (रावत) लाने के पीछे हमारा मकसद किसानों की ऊर्जा को दिशा देना है। वह एक परिपक्व इंसान हैं और केंद्र के खिलाफ किसानों की नाराजगी को रास्ता दिखाकर अब इसका हल ढूंढने पर जोर दिया जा रहा है।’ जाखड़ ने बताया कि पार्टी 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के दिन पूरे देशभर में प्रदर्शन की योजना बना रही है।


दिल्ली में पंजाब यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जलाया ट्रैक्टर
उधर दिल्ली में इंडिया गेट पर पंजाब यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कृषि कानून के खिलाफ उग्र प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने ट्रैक्टर जला दिया। इस दौरान पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज भी किया। प्रदर्शन और ट्रैक्टर जलाने के मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ये सभी पंजाब के रहने वाले हैं।

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