पीएम मोदी की जाति पर सवाल उठाकर फिर फंसे राहुल, केंद्र से मिला दो टूक जवाब

दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते बुधवार राज्यसभा में कांग्रेस पर तीखा हमला बोला था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के 10 साल के कार्यकाल में विकास धीमा हुआ था, लेकिन हमने रफ्तार को बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस पिछड़े वर्गों के लोगों को आगे बढ़ाना ही नहीं चाहती है। इस बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर पलटवार करते हुए किया और कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने खुद की जाति को ओबीसी में शामिल किया था। जिसके बाद भाजपा और कांग्रेस के बीच ठन गई है। भाजपा ने उनके दावे को खारिज करते हुए कहा कि गुजरात सूचना आयोग ने 25 जुलाई 1994 को मोध-घांची को ओबीसी के रूप में अधिसूचित किया था। यह वही जाति है जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबंधित हैं।

कांग्रेस सरकार में गुजरात के उपमुख्यमंत्री रहे नरहरि अमीन ने राहुल के दावे को किया खारिज
बीजेपी के राज्यसभा सांसद नरहरि अमीन ने भी पोस्ट कर राहुल गांधी के दावे को खारिज किया है। उन्होंने अपनी एक्स पर पोस्ट की एक श्रंखला में कहा कि जब मैं कांग्रेस सरकार में गुजरात के उपमुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत था, तब गुजरात सूचना आयोग ने 25 जुलाई 1994 को मोध-घांची को ओबीसी के रूप में अधिसूचित किया था। यह वही जाति है जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबंधित हैं। बाद में गुजरात सूचना आयोग की सिफारिशों पर अमल करते हुए केंद्र सरकार ने साल 1999 में इस जाति को ओबीसी में शामिल कर लिया था। उन्होंने यह भी कहा कि  भारत में ओबीसी का दर्जा पहली बार साल 1992 में तब लागू हुआ जब सुप्रीम कोर्ट ने उस साल इंदिरा साहनी फैसले में 1990 में जारी सरकारी आदेश को बरकरार रखा था। 1990 में जारी आदेश में कहा गया था कि जाति पिछड़ेपन का एक स्वीकार्य संकेतक है। अतः वर्ष 1992 से पहले किसी भी जाति को ओबीसी श्रेणी में शामिल किया जाना संभव नहीं था। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी इस मुद्दे पर मूर्खतापूर्ण झूठ पकाकर ओबीसी समुदायों का अपमान कर रहे हैं। मैं मांग करता हूं कि वे तुरंत अपना झूठ वापस लें। उन्हें ओबीसी को बदनाम करना बंद करना चाहिए। 

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने की राहुल गांधी से माफी की मांग
वहीं, पीएम मोदी की जाति को लेकर राहुल गांधी के बयान पर अब राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने भी प्रतिक्रिया दी है। आयोग ने कहा कि ओबीसी समाज के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर राहुल गांधी के बयानों से नाराज हैं। इसी के साथ आयोग ने कहा कि ओबीसी समुदाय के प्रति राहुल के मन में जो नफरत है वो उन्हें स्पष्ट रूप से अपने पूर्वजों से विरासत में मिली है। संसद के पटल पर प्रधानमंत्री मोदी ने पंडित जवाहरलाल नेहरू के आरक्षण विरोधी रवैये को उजागर किया। आयोग ने कहा कि मंडल आयोग के विरोध में संसद में राजीव गांधी की टिप्पणियों के बारे में तो सभी जानते हैं। आज राहुल गांधी करोड़ों पिछड़े वर्ग के लोगों को अपमानित कर रहे हैं और विभाजन के बीज बोने की कोशिश कर रहे हैं। 

1994 में गुजरात की कांग्रेस सरकार द्वारा जारी की गई थी ‘मोध घांची’ को ओबीसी सूची में शामिल करने की अधिसूचना 
इसके साथ ही आयोग ने यह भी बताया कि ‘मोध घांची’ को ओबीसी सूची में शामिल करने की अधिसूचना 25 जुलाई 1994 को गुजरात सरकार द्वारा जारी की गई थी। इससे पहले, गुजरात में एक सर्वेक्षण के बाद, मंडल आयोग ने भी सूचकांक 91 (ए) के तहत ओबीसी की एक सूची तैयार की थी, जिसमें मोध-घांची जाति को शामिल किया गया था। 

गुजरात राज्य के लिए अन्य पिछड़े वर्गो की केन्द्रीय सूची में मोध-घांची जाति समेत 104 जातियां हैं। मोध-घांची जाति को अन्य पिछड़े वर्गो की केन्द्रीय सूची में शामिल करने के लिए दिनांक 15-11-1997 को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपनी सलाह दी थी। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की सलाह पर केन्द्र सरकार ने दिनांक 27-10-1999 को मोध-घांची जाति को अन्य पिछड़े वर्गो की केन्द्रीय सूची में शामिल करने के लिए गजट नोटीफिकेशन जारी किया था। 

सीएम बनने से पहले ही ओबीसी में शामिल थी जाति- भाजपा
पीएम मोदी की जाति को लेकर दिए गए राहुल गांधी के बयान को भाजपा ने खारिज कर दिया है। भाजपा ने कहा कि राहुल गांधी लोगों के बीच भ्रम और झूठ फैला रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्य के मुख्यमंत्री रहते हुए अपनी जाति को गुजरात में अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल नहीं किया था। भाजपा आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा करते हुए कहा कि राहुल गांधी झूठ बोलते हैं। पीएम मोदी की जाति को उनके गुजरात के मुख्यमंत्री बनने से दो साल पहले 27 अक्तूबर, 1999 को ओबीसी के रूप में अधिसूचित किया गया था। भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नेहरू से लेकर राहुल गांधी तक पूरा नेहरू-गांधी परिवार ओबीसी के खिलाफ रहा है। 

पीएम मोदी जन्म से पिछड़ी जाति से नहीं- राहुल गांधी
सबसे पहले यह जानते हैं कि राहुल गांधी ने अपने बयान में क्या कहा था। भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि ‘पीएम मोदी जन्म से पिछड़ी जाति से नहीं हैं। वे गुजरात की ‘तेली’ जाति में पैदा हुए थे। उस समुदाय को साल 2000 में भाजपा ने ओबीसी में शामिल किया। वे (पीएम मोदी) सामान्य वर्ग में पैदा हुए थे। वे कभी भी जातिगत जनगणना को नहीं कराएंगे क्योंकि वे ओबीसी में पैदा नहीं हुए थे। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी खुद को ओबीसी बताकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं।

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