राहुल का झूठ फिर पकड़ा गया रंगे हाथों !

संसद से लेकर सड़कों तक अडानी-अडानी चिल्लाने वाले राहुल गांधी फर्जी विमर्श बना कर देशवासियों को बहकाने, भरमाने, फुसलाने में लगे हैं। उन्होंने देश के सामने यह झूठी, कल्पित तस्वीर पेश की मानो नरेन्द्र मोदी ने भारत को गौतम अडानी के पास गिरवी रख दिया है और मोदी सरकार अडानी की जेब में पड़ी है। अडानी के पास जितना पैसा है, वह सब नरेन्द्र मोदी का है।

राहुल बार-बार झूठ बोलते हैं, सुप्रीम कोर्ट हर बार उन्हें फटकार लगाती है किन्तु वे झूठे दोषारोपण से बाज नहीं आते। उनकी चौकड़ी के लोगों को नाहक झूठ में हाँ में हाँ मिलानी पड़ती है। मणिपुर से शुरू की गई ‘न्याय यात्रा’ के तीसरे दिन राहुल गांधी ने फिर से अडानी राग अलापा है।

कहावत है कि झूठ के पैर नहीं होते, झूठ कभी न कभी पकड़ा जाता है, राहुल का झूठ तो बार-बार पकड़ा जाता है। अडानी को लेकर राहुल का एक बड़ा झूठ और फर्जीवाड़ा कल ही पकड़ा गया। स्विट्जरलैंड के दावोस शहर में इन दिनों दुनिया भर के उद्यमियों तथा अनेक देशों के नेताओं, शासकों का सम्मेलन चल रहा है, जिसे विश्व आर्थिक मंच का नाम दिया गया है।

दावोस सम्मेलन में तेलंगाना की कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी भी शामिल हुए। श्री रेड्डी ने गौतम अडानी से अपने राज्य तेलंगाना में अडानी समूह के कारखानें व यूनिट लगाने का अनुरोध किया। यह जानते हुए कि रेवन्त रेड्डी भी राहुल गांधी की तरह उन पर फब्तियां कसते थे और नरेन्द्र मोदी का पिछलग्गू बताते थे, अडानी ने चार समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये। गौतम अडानी कांग्रेस शासित राज्य तेलंगाना में 12,400 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेंगे।

जब राहुल गांधी अपनी न्याय यात्रा में अडानी-मोदी को गालियां दे रहे थे, उसी दौरान सोशल मीडिया पर रेवन्त रेड्डी व गौतम अडानी की तस्वीरें साझा की जा रही थीं। एक तस्वीर में तो गौतम अडानी व रेवंत रेड्डी एक-दूसरे को बधाइ‌यां देते दिखाई पड़े। कांग्रेस नेता की और भी तस्वीरें व वीडियो भारत में खूब वायरल हो रहे हैं। लेकिन इनसे राहुल पर कुछ फर्क पड़ने वाला नहीं है क्यूंकि अडानी और कांग्रेस के संबंधों का मामला पहले भी उठाया जाता रहा है।

नरेंद्र मोदी और गौतम अडानी को गालियां देने के बाद जब राहुल गाँधी ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी तब छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उनके बगलगीर थे। उस समय एक पत्रकार ने उनसे सवाल किया कि आप नरेंद्र मोदी की परियोजनाओं में पूंजीनिवेश करने के लिए गौतम अडानी को फटकारते है लेकिन आपके दाएं-बाएं बैठे कांग्रेसी मुख्यमंत्री भी तो अपने-अपने राज्यों में कारखानें लगवाने के लिए अडानी के आगे-पीछे घूमते हैं। इस खरे व कड़वे प्रश्न पर राहुल गाँधी बहुत झुंझलाये किन्तु प्रश्न का उत्तर नहीं दिया।

यहाँ यह उल्लेखनीय है कि दावोस सम्मेलन में शामिल अमेरिका के विदेश मंत्री एंटिनी ब्लिंकन ने भारत की आर्थिक व ओद्योगिक प्रगति का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया है। उन्होंने कहा कि मोदी न केवल भारत को सुदृढ़ कर रहे हैं, अपितु अन्य देशों की प्रगति में भी सहयोगी हैं। शायद राहुल गाँधी अब यह न कह दें कि मोदी ने श्री ब्लिंकन को भी जेब में रख लिया है।

गोविन्द वर्मा
संपादक ‘देहात’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here