परिवारवाद की राजनीति पर बोले राजनाथ सिंह- विधानसभा चुनाव में बेटे को नहीं दिया था टिकट

राजनीतिक दल परिवारवाद को लेकर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहते हैं। परिवारवाद को लेकर राजनाथ सिंह ने कहा कि वे परिवारवाद नहीं करते हैं। उन्होंने एक बार अपने बेटे पंकज सिंह को पार्टी का टिकट देने से इनकार कर दिया था, क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि उन पर परिवारवाद का प्रचार करने का आरोप लगाया जाए। हालांकि पंकज सिंह वर्तमान में नोएडा से भाजपा विधायक हैं।

टाइम नाउ समिट में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने 2007 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों का जिक्र किया। उस समय राजनाथ सिंह भाजपा अध्यक्ष थे। राजनाथ सिंह ने कहा, ‘उस समय पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और राजस्थान के वर्तमान राज्यपाल कलराज मिश्र मेरे पास आए और उन्होंने सुझाव दिया कि पंकज सिंह वाराणसी के एक विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं। उस समय मैं पार्टी का अध्यक्ष था और मैंने इनकार कर दिया।’ 

राजनाथ सिंह ने कहा, ‘मेरे पास बैठे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण एडवोकेट ने मुझसे अनुरोध किया, लेकिन मैंने दोनों नेताओं को मना कर दिया और कहा कि मैं अपने बेटे को अपने हाथों से टिकट नहीं दूंगा।’ सिंह ने कहा, उनका बेटा भी इस बात से नाराज था कि उसे मेरा आशीर्वाद नहीं मिला। उन्होंने कहा कि पंकज घर आए और मेरे पैर छुए, मैंने उन्हें अपना आशीर्वाद नहीं दिया। वे बहुत दुखी थे और जाकर शिकायत भी की।

परिवारवाद’ की अवधारणा के बारे में और अधिक बताते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, ‘मान लीजिए कि मैं एक पार्टी का अध्यक्ष हूं और मेरी इच्छा है कि मेरे बाद मेरा बेटा इस पद को संभाले और बाद में उनका बेटा, इस हम परिवारवाद कहते हैं। पीएम मोदी सदन में वंशवाद की राजनीति को भी स्पष्ट किया, जिसमें उन्होंने कहा कि ‘अगर एक परिवार के 8-9 लोग राजनीति में सक्रिय हैं, तो हम इसे परिवारवाद नहीं कह सकते हैं, लेकिन जब एक परिवार एक पार्टी चलाता है और एक परिवार को प्राथमिकता दी जाती है, तो वह’ परिवारवाद है। इसका मतलब है कि पार्टी कुछ नहीं करती।

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