राउत ने मां को लिखे पत्र में कहा: शिवसेना को धोखा देने का दबाव था, नहीं मानने पर भेजा गया जेल

मुंबई। धन शोधन के मामले में इस समय जेल में बंद शिवसेना नेता संजय राउत ने दावा किया है कि उनपर अपनी पार्टी से ‘विश्वासघात’ करने का दवाब था और इसके आगे नहीं झुकने की वजह से उन्हें जेल में डाला गया।

गिरफ्तारी के करीब एक सप्ताह बाद आठ अगस्त को अपनी मां को लिखे पत्र में राउत ने कहा कि ‘‘शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और शिवसैनिक भी आपके बच्चे की तरह हैं और जबतक मैं जेल में रहूंगा वे आपकी देखरेख करेंगे।’’

राउत ने आरोप लगाया कि सभी जानते हैं कि उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए और धमकाकर बयान दिलाए गए।

उल्लेखनीय है कि राउत को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुंबई स्थित पात्रा ‘चॉल’ के पुनर्विकास में हुई कथित अनियमितता से जुड़े धनशोधन के मामले में एक अगस्त को गिरफ्तार किया था। वह इस समय न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी का आरोप है कि चॉल पुनर्विकास या गोरेगांव में किराए का घर दिलाने के नाम पर 1,034 करोड़ रुपये की अनियमितता की गई और इससे जुड़े पैसों के लेनदेन में कथित तौर पर राउत की पत्नी और उनके सहयोगी संलिप्त हैं।

शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक राउत ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य तिलक और विनायक दामोदर सावरकर को भी इस तरह के व्यवहार का सामना करना पड़ा था।

राउत द्वारा लिखे गए पत्र को बुधवार को ट्विटर पर साझा किया गया, जिसमें उन्होंने लिखा है, ‘‘आप की तरह, शिवसेना भी मेरी मां है। मुझ पर अपनी मां (पार्टी) से विश्वासघात करने का दबाव था। मुझे सरकार के खिलाफ नहीं बोलने और ऐसा नहीं करने पर कीमत चुकाने की धमकी दी जा रही थी। मैं इन धमकियों के आगे झुका नहीं, इस वजह से आज आपसे दूर हूं।’’

उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे (शिवसेना के एक गुट के नेता) उनके अच्छे मित्र और नेता हैं और अगर मुश्किल समय में उनका साथ छोड़ा तो पार्टी संस्थापक बाल ठाकरे को मुंह दिखाना मुश्किल होगा।

राउत ने अपनी मां को आश्वासन दिया कि वह निश्चित तौर पर जेल से बाहर आएंगे क्योंकि महाराष्ट्र और देश की आत्मा की ‘हत्या’ नहीं की जा सकती।

गौरतलब है कि जब ईडी ने राउत को गिरफ्तार किया तो उनकी मां ने उन्हें गले लगा लिया और जब एजेंसी उन्हें ले जा रही थी, तब वह सिसक रही थीं। उद्धव ठाकरे और उनकी पत्नी रश्मि समय-समय पर राउत के प्रति समर्थन व्यक्त करने के लिए उनके परिवार से मिलने जाते हैं।

राउत केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत सरकार के कट्टर आलोचक रहे हैं और उन्होंने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महा विकास आघाडी की सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का नाम लिए बिना कहा कि एक शक्ति शिवसेना का खात्मा करना चाहती है और महाराष्ट्र के स्वाभिमान को रौंदना चाहती है।

राउत ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में मूकदर्शक और गुलाम जैसा रहना मुश्किल है। उन्होंने आरोप लगाया कि कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता रोहित पवार को परेशान किया जा रहा है।

राउत ने कहा, ‘‘लेकिन इससे क्रांति होगी और लोकतंत्र का फिर से जन्म होगा।’’

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