हरियाणा के रेवाड़ी में एक स्क्रैप व्यापारी को गुगल पर हेल्पलाइन नंबर सर्च कर नेट बैंकिंग से संबंधित जानकारी मांगना महंगा पड़ गया। शातिर ठग ने एक एप डाउनलोड कराकर उसके खाते से 2.50 लाख रुपए की नकदी साफ कर दी। साइबर थाना पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर केस दर्ज कर कार्रवाई शुरु कर दी हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, रेवाड़ी के गांव पाल्हावास निवासी विनोद कुमार ने गांव में ही स्क्रैप का काम किया हुआ हैं। शुक्रवार को उसे किसी को पैसे ट्रांसफर करने थे, लेकिन अचानक उसकी IDBI की नेट बैंकिंग बंद हो गई। नेट बैंकिंग बंद होने पर उसने तुरंत गुगल से नंबर सर्च किया तो नंबर बैंक की बजाए शातिर ठग का मिल गया। उसने सर्च किए नंबर पर कॉल की तो ठग ने खुद को बैंक कस्टमर कैयर अधिकारी बताते हुए बातचीत शुरु कर दी।
साथ ही नेट बैंकिंग चालू करने के लिए उससे एटीएम कार्ड का नंबर और सीसीवी मांगा। विनोद ने एक खाता पाल्हावास स्थित कैंनरा बैंक में खुलवाया हुआ है, जिसके एटीएम कार्ड नंबर और सीसीवी उसने कॉल करने वाले शातिर ठग को दे दिए। उसके बाद ठग ने उसके मोबाइल पर क्यूएस एप डाउनलोड कराई और फिर उसकी आईडी भी मांगी।
बाद में इसी एप पर 3 खातों को एड कराकर कुछ रकम एड करने की बात की, लेकिन विनोद ने पैसे एड करने से मना कर दिया। उसके बाद शातिर ठग ने भरोसा दिलाया कि उसके खाते से कोई रकम नहीं कटेगी। इसके बाद विनोद ने सबसे पहले शातिर ठग द्वारा दिए गए फेडरेल बैंक के खाते में 74 हजार 999, दूसरे बैंक कोडक महेन्द्रा में 74 हजार 999 और फिर एक अन्य बैंक खाते में 99 हजार 999 रुपए एड कर दिए।
कुछ देर बाद ही विनोद के कैनरा बैंक के खाते से 3 बार में कुल ढाई लाख रुपए की नकदी कट गई। उसने फिर से उसी नंबर पर फोन किया तो मोबाइल नंबर स्विच ऑफ मिला। विनोद तुरंत कैनरा बैंक के मैनेजर के पास पहुंचा तो उसे पता चला कि उसके साथ ठगी हुई है। उसने शातिर ठग द्वारा दिए गए तीनों खातों से संबंधित ट्रांजेक्शन की पूरी जानकारी सहित साइबर थाना पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने केस दर्ज कर मामले में कार्रवाई शुरु कर दी है।