दिल्ली पुलिस का दावा, व्हाट्सएप ग्रुप से फैलाया गया था दंगा

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल बुधवार को अदालत में दाखिल आरोपपत्र में कहा है कि नगारिकता संशोधन कानून के विरोध के लिए बने ‘एंटी सीएए- व्हाट्सएप’ ग्रुप ने हिंसा को भड़काने में इंधन का काम किया। फरवरी, 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के लिए बड़ी साजिश को अंजाम देने के आरोप में आतंकवाद निरोधक कानून के तहत 15 लोगों के खिलाफ अदालत में आरोपपत्र दाखिल कियौ।

कड़कड़डूमा स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अभिताभ रावत के समक्ष पुलिस ने करीब 10 हजार पन्नों के आरोपपत्र व साक्ष्य पेश किया है। इसमें पुलिस ने आरोपियों फोन कॉल के डिटेल (सीडीआर), लोकेशन और व्हाट्सएप ग्रुप के डिटेल को अहम साक्ष्य के तौर पर पेश किया है। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि आरोपपत्र में उसने हिंसा की साजिश और प्रासंगिक घटनाओं का पूरा ब्यौरा पश किया है जो आने वाले दिनों में अमह साक्ष्य होगा।

पुलिस ने आरोपपत्र में कहा है कि साक्ष्यों के तौर पर 24 फरवरी का व्हाट्सएप चैट शामिल है, जिस समय दंगे हो रहे थे। पुलिस ने कहा कि हिंसा के वक्त प्रमुख साजिशकर्ता अपने लोगों से सीधे संपर्क में थे और हिंसा कैसे और कहां करना है, इस बारे में दिशा-निर्देशि दे रहे थे। पुलिस ने अदालत को बताया है कि सीलमपुर-जफराबाद क्षेत्र में हिंसा के लिए साजिशकर्ताओं द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप को इस्तेमाल किया था।

करीब 10 हजार पन्नों के आरोपपत्र में 747 गवाह
अदालत में दाखिल 10 हजार पन्नों के आरोपपत्र में दिल्ली पुलिस ने 747 गवाहों की सूची पेश की है। इसमें 51 गवहों का बयान सीआरपीसी की धारा 164 (मजिस्ट्रेट के समक्ष) दर्ज कराया गय है। ‌पुलिस ने सभी 15 आरोपियों के लिए आतंकवाद निरोधक कानून गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम(यूएपीए), भारतीय दंड संहिता और शस्त्र अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपियों को सजा देने की मांग की है।

हर शहरों के लिए 25 व्हाट्सएप ग्रुप
आरोपपत्र में कहा गया है कि नगारिकता संशोधन कानून का 25 शहरों में 25 विरोध प्रदर्शन हुए। साथ ही कहा कि प्रत्येक शहर के लिए विशेष रूप से 25 व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए। पुलिस ने कहा है कि साइटों के हिंसा के लिए निर्देशित किया जा रहा था। दिल्ली पुलिस ने आरोपपत्र में कहा है कि ताहिर हुसैन, खालिद सैफी और उमर खालिद ने कथित रूप से दिल्ली में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की यात्रा के दौरान राजधानी में बड़े पैमाने पर हिंसा करने की योजना बनाई थी।

दिल्ली पुलिस ने आरोपपत्र में दावा किया है कि कि 8 जनवरी को शाहीन बाग में ताहिर हुसैन, उमर खालिद और खालिद सैफी से मिले थे। सैफी ने ताहिर को उकसाया। साथ ही पुलिस ने अदालत को बताया है कि उमर ने कथित तौर पर आश्वासन दिया था कि उनके संपर्कों के माध्यम से (पीएफआई में) लॉजिस्टिक समर्थन आदि प्रदान किया जाएगा। पुलिस ने यह भी कहा है कि मामले की अभी जांच जारी है और जल्द ही पूरक आरोप पत्र दाखिल करेगी।

इन लोगों के नाम हैं शामिल
सूत्रों के अनुसार आरोपपत्र में आप के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन, जामिया विश्वविद्यालय की शोध छात्रा सफूरा जरगर, पिंजरा तोड़ संगठन की सदस्य देवांगना कलिता, नताशा नरवाल के अलावा मोहम्मद परवेज अहमद, मोहम्मद इलियास, सैफी खालिद, इशरत जहां, मीरन हैदर, आसिफ इकबाल तनहा, शाहदाब अहमद, तसलीम अहमद शामिल हैं। सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान और अतहर खान।

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