बाढ़ के कारण सिक्किम और पश्चिम बंगाल का मार्ग अवरुद्ध

पश्चिम बंगाल के उत्तरी बंगाल (North Bengal) के पहाड़ी जिले और सिक्किम ( Sikkim) के पार्वतीय इलाके में भारी बारिश के कारण कई पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं. इससे सिक्किम और पश्चिम बंगाल (West Bengal) के बीच मुख्य सड़क मार्ग (Road Connectivity) टूट गया है. इसके साथ ही तीस्ता नदी का जलस्तर बढ़ने से मालबाजार महकमा के अंतर्गत बसुसुरा के मिट्टी का बांध टूट गया है. 100 मीटर से अधिक इलाके में बने मिट्टी का बांध टूटने से मौलानी समेत विभिन्न इलाकों में पानी घुस गया है.

भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग 10, पश्चिम बंगाल और सिक्किम के बीच मुख्य सड़क संपर्क बड़े पैमाने पर अवरुद्ध हो गया जबकि तीस्ता सहित उफनती नदियों ने इसके किनारे के गांवों को तबाह कर दिया. भारी बारिश के कारण हुए एक भूस्खलन से पश्चिम बंगाल के 29वीं माइल क्षेत्र में राजमार्ग बंद हो गया जो सिक्किम की रांगपो सीमा से लगभग 60 किलोमीटर दूर है। अधिकारियों ने बताया कि यहां आज सुबह पानी हाउस इलाके में एक और भूस्खलन हुआ जिससे यातायात बाधित हो गया। उन्होंने कहा कि सड़क से मलबा हटाने का काम जारी है.

तिस्ता नदी में पानी का बढ़ा जलस्तर

उन्होंने कहा कि तीस्ता नदी में पानी के अत्यधिक बहाव के कारण रांगपो में स्टील के पुल के खंभे क्षतिग्रस्त हो गए और पुल पर आवाजाही सीमित कर दी गई है. उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर बारिश की वजह से फसलों को भी नुकसान पहुंचा हैं. उत्तरी बंगाल में भारी बारिश से बुधवार को आम जनजीवन प्रभावित रहा. दार्जिलिंग, कलिमपोंग और जलपाईगुड़ी जिलों में बारिश की वजह से भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं जिससे सड़क और पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं और कई स्थानों पर वाहनों की आवाजाही रोकनी पड़ी है.

जिलाधिकारी ने प्रभावित इलाकों का किया दौरा


जिलाधिकारी और जलपाईगुड़ी के डीआइजी ने बाढ़ प्रभावित मयनागुड़ी के पदमति इलाके का निरीक्षण किया. तीस्ता नदी किनारे रहने वाले लोगों को हटाने का काम भी जोरों से चल रहा है. रात को नदी का जलस्तर बढ़ जाने से लोगों को हटाने में काफी परेशानियों को सामना करना पड़ा. तीस्ता, धरला और डांगी नदी के मिलन स्थान चापडांगा ग्राम पंचायत के बसुसुरा है. इसलिये यहां पर ज्यादा परेशानी हो रही है. पिछले कई दिनों से पहाड़ और समतल में हो रही लगातार बारिश के चलते तीनों नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है. नदी का पानी बाहर प्रभावित होने लगी. इसलिये बसुसुरा इलाके में मिट्टी का बांध टूट गया. इसके बाद यही पानी उत्तर बसुसुरा होकर मयनागुड़ी ब्लॉक के विभिन्न इलाके में घुस गया.

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