रोहित वेमुला: क्लोजर रिपोर्ट के बाद भी तेलंगाना पुलिस रखेगी जांच जारी

हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रहे रोहित वेमुला का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया। वेमुला के परिवार ने अपने बेटे को न्याय दिलाने के लिए एक बार फिर आवाज उठाई है। वहीं, तेलंगाना पुलिस ने भी जांच जारी रखने की बात कही है। तेलंगाना पुलिस के डीजीपी रवि गुप्ता ने कहा कि मृतक की मां और उनके भाई को कुछ लोगों पर संदेह है। इसलिए मामले की जांच को आगे जारी रखने का फैसला लिया गया है। 

डीजीपी ने आगे कहा कि अदालत में एक याचिका दायर कर मजिस्ट्रेट से मामले की आगे की जांच की अनुमति देने का अनुरोध किया जाएगा। डीजीपी ने यह भी कहा है कि मामले में अंतिम क्लोजर रिपोर्ट नवंबर 2023 से पहले की गई जांच के आधार पर तैयार की गई थी और जांच अधिकारी द्वारा आधिकारिक तौर पर 21 मार्च, 2024 को न्यायिक अदालत में दायर की गई थी।

सीएम से वेमुला की मां ने की मुलाकात
रोहित वेमुला की मां राधिका वेमुला ने कहा कि साल 2018 में हुई घटनाओं के आधार पर क्लोजर रिपोर्ट दी गई है। उसके बाद कोई जांच नहीं की गई है। उन्होंने आगे कहा, ‘आज हम तेलंगाना के मुख्यमंत्री से मिले क्योंकि अब रिपोर्ट दी गई है। सीएम ने आश्वासन दिया है कि दोबारा निष्पक्ष जांच कराई जाएगी। हमने रोहित के साथ निलंबित किए गए अन्य छात्रों के मामले के बारे में भी बात की है। उन छात्रों को केस के चलते नौकरी नहीं मिल पा रही है और पीएचडी किए छात्र खेती का काम कर रहे हैं। सीएम ने इस मामले को भी देखने का आश्वासन दिया। हमें विश्वास है कि यह सरकार हमें न्याय दिलाएगी।’

निष्पक्ष और पारदर्शी जांच का वादा: राजा वेमुला
रोहित के भाई वेमुला राजा ने कहा, ‘क्लोजर रिपोर्ट दाखिल होने के बाद तेलंगाना के डीजीपी ने बयान दिया है कि वे मामले की फिर से जांच करने जा रहे हैं और वे उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगे। हमने मुख्यमंत्री से बात की है। उन्होंने रोहित वेमुला को न्याय दिलाने के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी जांच का वादा किया है। हमें विश्वास है कि कांग्रेस सरकार मामले की फिर से जांच कराएगी।’

यह है मामला
पहले ऐसा माना गया था कि रोहित वेमुला की आत्महत्या का मामला बंद हो जाएगा। तेलंगाना पुलिस की तरफ आगे की जांच करने के फैसले के बाद अब इस मामले में नया टि्वस्ट आया है। रोहित वेमुला ने जनवरी, 2016 में हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में फांसी लगाकर जान दे दी थी। इसके बाद इस मामले में काफी तूल पकड़ा था। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की थी और 100 महीने बाद दो मई को क्लोजर रिपोर्ट दी थी। तब राज्य में बीआरएस सत्ता में थी और राज्य के मुख्यमंत्री केसीआर थे।

दो मई को दी थी क्लीन चिट: रिपोर्ट
तेलंगाना पुलिस की तरफ से दो मई को हाईकोर्ट में एक क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स में सामने आया था कि पुलिस ने सभी को क्लीन चिट दे दी है। हाईकोर्ट ने पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट के बाद परिवार को इसके खिलाफ अपील के निचली अदालत में जाने को कहा है, तो वहीं दूसरी ओर पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट के बाद हैदराबाद की सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एक बार फिर से रोहित वेमुला का मुद्दा गरमा गया था। कांग्रेस की छात्र ईकाई एनएसयूआई से जुड़े छात्रों ने प्रदर्शन करके नए सिरे से जांच की मांग की थी। इतना ही नहीं रोहित वेमुला के भाई राज वेमुला ने इस मामले को सीएम रेवंत रेड्डी के सामने उठाने की बात कही थी।

भाजपा के पूर्व विधान पार्षद ने कांग्रेस-वाम दलों पर साधा निशाना
वहीं, भाजपा के पूर्व विधान पार्षद रामचंदर राव ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और वाम दलों ने रोहित वेमुला की मौत को भाजपा से जोड़कर सियासी लाभ लेने की कोशिश की है। राव ने कहा कि वेमुला की आत्महत्या दुखद थी, लेकिन कांग्रेस कांग्रेस और वाम दलों का रवैया निंदनीय था।

पुलिस का यह दावा
रोहित की मौत पर स्थानीय अदालत के समक्ष अपनी क्लोजर रिपोर्ट में तेलंगाना पुलिस ने दावा किया था कि वह दलित नहीं था और उसने असली पहचान जाहिर होने के डर से आत्महत्या की थी। पुलिस ने सबूतों की कमी का हवाला देते हुए इस मामले के आरोपियों को ‘क्लीन चिट’ दे दी।

छात्रों ने किया विरोध-प्रदर्शन
इस बीच, छात्रों के एक समूह ने हैदराबाद विश्वविद्यालय में प्रदर्शन किया और केंद्रीय मंत्री और विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति अप्पा राव पोडिले के खिलाफ नारेबाजी की। छात्र संगठन एसएफआई ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि रोहित वेमुला की संस्थागत हत्या पर पुलिस की ओर से दायर क्लोजर रिपोर्ट एक विडंबना है। इसने कहा, कांग्रेस सरकार और इसकी पुलिस रोहित पर दलित न होने का टैग लगाकर भाजपा के नैरेटिव का समर्थन कर रही है, जबकि उसके पास सबूत नहीं है।

वेमुला के परिवार ने शुक्रवार को कहा कि वे क्लोजर रिपोर्ट को कानूनी रूप से चुनौती देंगे। उनके भाई राजा वेमुला ने दावा किया कि परिवार के अनुसूचित जाति के दर्जे पर जिला कलेक्टर को फैसला करना है।इसके बाद, पुलिस ने कहा कि उन्होंने मामले में आगे की जांच करने का फैसला किया है।

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