केंद्र में सरकार बनने के बाद लाएंगे रोहित वेमुला कानून, जानें कांग्रेस ने वादे में क्या कहा

कांग्रेस ने रविवार को कहा कि रोहित वेमुला के आत्महत्या से जुड़े मामले की जांच में कई गड़बड़ियां हैं और राज्य के रेवंत रेड्डी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि वेमुला के परिवार को न्याय मिले। गौरतलब है कि तेलंगाना पुलिस ने 2016 में हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्र वेमुला की आत्महत्या के मामले में क्लोजर रिपोर्ट दायर की थी। इसमें दावा किया गया है कि रोहित वेमुला दलित नहीं था और उसने अपनी असली जाति के सामने आने के डर से ही आत्महत्या कर ली थी।

कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि रोहित वेमुला की मौत एक खतरनाक उत्पीड़न था, जिससे भाजपा की दलित-विरोधी मानसिकता सामने आ गई थी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी समेत पूरी कांग्रेस इस मुश्किल समय में रोहित वेमुला के परिवार के साथ खड़ी है। वेणुगोपाल ने कहा कि तेलंगाना पुलिस पहले ही कह चुकी है कि यह क्लोजर रिपोर्ट जून 2023 में तैयार कर ली गई थी। 

उन्होंने दावा किया कि पहले की गई जांच में कई सारी खामियां हैं। तेलंगाना की कांग्रेस सरकार रोहित के परिवार को न्याय दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि जब उनकी सरकार केंद्र में आएगी, तब एक रोहित वेमुला कानून लाया जाएगा, जो कि सिर्फ विश्वविद्यालयों के कैंपस में जातीय और धार्मिक उत्पीड़न के मुद्दे पर होगा। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सामाजिक-आर्थिक तौर पर पिछड़े किसी भी छात्र को रोहित के जैसे हालात से न गुजरना पड़े।

गौरतलब है कि रोहित वेमुला के मामले में पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट सामने आने के बाद रोहित की मां राधिका वेमुला ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से मुलाकात कर न्याय की मांग की। सीएम ने राधिका वेमुला को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। सीएम रेड्डी ने राधिका वेमुला से कहा कि 2016 में हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित की आत्महत्या की फिर से जांच की जाएगी। मुख्यमंत्री कहा कि इस मामले में पूरी पारदर्शिता के साथ जांच होगी। राधिका वेमुला ने कहा कि रोहित को न्याय मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी। पुलिस का यह दावा करना सही नहीं है कि रोहित ने ठीक से पढ़ाई नहीं कर पाने के कारण आत्महत्या की। वह पढ़ाई में अच्छा था।

क्लोजर रिपोर्ट में दावा- रोहित वेमुला दलित नहीं, आरोपियों को क्लीन चिट
रोहित की मौत पर पुलिस ने स्थानीय अदालत के समक्ष अपनी क्लोजर रिपोर्ट पेश की थी। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि रोहित वेमुला दलित नहीं थे और उन्होंने असली पहचान जाहिर होने के डर से आत्महत्या की थी। पुलिस ने सबूतों की कमी का हवाला देते हुए इस मामले के आरोपियों को ‘क्लीन चिट’ दी है। 

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